Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट के जयपुर सरकरी अधिवक्ताओं के कार्यालय में एक संविदा कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। आर्थिक तंगी से परेशान मनीष ने हाईकोर्ट परिसर में फंदा लगाकर जान दी। साथी कर्मचारियों और परिजनों ने अपनी मांगो के लेकर धरना शुरू किया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
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राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर ब्रांच के एक संविदा कर्मचारी ने शुक्रवार सुबह आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा कि 47 वर्षीय मनीष कुमार सैनी ने हाईकोर्ट परिसर में ही सुसाइड किया। हाईकोर्ट परिसर की तीसरी मंजिल पर स्थित बी ब्लॉक के एक कमरे में मनीष फंदा लगाकर लटक गया। घटना सुबह करीब साढ़े 8 बजे की बताई जा रही है। मनीष विधि विभाग में संविदा कर्मी था जो पिछले 17 साल से कार्य कर रहा था। साथी कर्मचारियों ने बताया कि रोज की तरह वह करीब 7 बजे ऑफिस पहुंचा। साढ़े 8 बजे के आसपास साथी कर्मचारियों ने उसे पंखे से लटकते हुए देखा तब घटना का पता चला।
पुलिस ने बताया कि बांदीकुई के रहने वाले मनीष सैनी ने आत्महत्या की है। जो पिछले काफी समय से राजस्थान हाईकोर्ट में संविदा पर काम कर रहा था। जो शुक्रवार सुबह रोज की तरह काम पर हाईकोर्ट आया था। इसके बाद हाईकोर्ट के बी-ब्लॉक स्थित तीसरी मंजिल पर अपील सेक्शन के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वहां कार्यरत कर्मचारियों के आकर देखने पर कमरे के अंदर उसका शव फंदे से लटका मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाकर सबूत जुटाकर शव को मोर्चरी में रखवाया। पुलिस मृतक के परिजनों सहित उसके कर्मचारियों से इस मामले में पूछताछ करने में जुटी है।
अशोक नगर के सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि संविदाकर्मी मनीष सैनी (34) का शव अधिवक्ता कार्यालय में लटकता मिला। उन्होंने बताया कि बांदीकुई निवासी मनीष सैनी के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है। मृतक के परिजन कार्यालय के बाहर मरने वाले के आश्रित को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
मृतक मनीष की पत्नी बीए पास हैं, और कर्मियों ने मांग की है कि उन्हें नौकरी दी जाए। इसके साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रुपये देने की मांग की जा रही है। कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित SLP को वापस लेने और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। FSL की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
हाईकोर्ट परिसर के अंदर संविदा कर्मी और मृतक मनीष के परिजन धरने पर बैठे हैं। हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने रास्ता जाम करके आंदोलन शुरू कर दिया। वकीलों का कहना है कि न्याय के इस मंदिर में आकर वे लोगों को न्याय दिलाते हैं लेकिन यहां कार्यरत संविदाकर्मी को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं। वकीलों का कहना है कि मृतक संविदाकर्मी मनीष के परिवार वाले सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक धरना देकर बैठे हैं। इसके बावजूद सरकार और प्रशासन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वकीलों ने कहा कि मृतक संविदाकर्मी मनीष के परिजनों की छोटी छोटी चार मांगें हैं। इन मांगों को शीघ्र मानना चाहिए।
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