प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर, 2023 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर का स्थायी परिसर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। आईआईटी जोधपुर की स्थापना 2008 में 7 अन्य आईआईटी के साथ की गई थी। यह संस्थान जोधपुर-नागौर राजमार्ग पर 852 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। 92 साल पुराना यह एयरपोर्ट देश का सबसे पुराना एयरवेज है, अब 350 करोड रुपए की लागत से नए टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जा रही है, उसके बाद इस एयरपोर्ट पर एक साथ 12 विमान अप्रोन पर खड़े हो सकेंगे, जोधपुर एयरपोर्ट की भव्यता के लिए बिल्डिंग के कार्य का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करेंगे।
पिछले 15 वर्षों में, आईआईटी जोधपुर ने अपने बहु-विषयक और नवाचार-उन्मुख पाठ्यक्रम और मजबूत अनुसंधान कार्यक्रमों के साथ खुद को प्रतिष्ठित किया है। अक्टूबर में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को आईआईटी जोधपुर परिसर के समर्पण के माध्यम से इतिहास सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा।आईआईटी जोधपुर को गर्व है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिसर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
स्थिरता के लिए अनुकरणीय पहल के साथ आईआईटी जोधपुर भारत में सबसे अच्छे नियोजित तकनीकी परिसरों में से एक है। संस्थान विचारों की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने, मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध भावी नेताओं को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईआईटी जोधपुर में शैक्षणिक पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इसमें कई अनूठी विशेषताएं हैं। संस्थान स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो-इंजीनियरिंग और अन्य उभरते क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है।