राजपूत करणी सेना ने 27 जनवरी को चित्तौड़गढ़ में फिल्म प्रोडूसर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में राजपूतों का एक महाकुंभ बुलाया है। राजपूत करणी सेना के प्रमुख नेता लोकेन्द सिंह कालवी ने बताया कि फिल्म पद्मावती पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी से की गई है।
इस फिल्म को कई कट और घूमर नृत्य को लेकर चर्चाओं के बीच श्री कालवी ने कहा कि हमारी तकलीफ को बेचकर पैसा कमाने की कोशिशों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने वालों का यह धंधा हो गया है कि इतिहास की किसी बात पर फिल्म बनाकर विवाद पैदा करो, इससे फिल्म के प्रचार पर खर्च होने वाला पैसा बच जाता है और फिल्म पैसा कमाने लायक हो जाती है। अब यह नहीं चलने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिल्मकार देश के इतिहास के शौर्य को दिखाए न कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करे, इसके लिए कहानी पर पहले से ही चर्चा कर ली जानी चाहिए। श्री कालवी ने कहा कि संजय लीला भंसाली ने जिन लोगों को बुलाकर फिल्म की स्क्रीनिंग करवाई वे हमारे प्रतिनिधि नहीं थे।
इसके लिए सेंसर बोर्ड को एक संवैधानिक समिति का गठन करना चाहिए ताकि भविष्य में भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं हो। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में राजपूत इस फिल्म पर बैन लगाने की लड़ई पर आर-पार का फैसला लेंगे। राज्य में उपचुनाव की तारीख से दो दिन पहले राजपूतों के महाकुंभ का आयोजन राजनीतिक लाभ के लिए करने के सवाल पर श्री कालवी ने कहा यह कदम राजपूत समाज की आन-बान की रक्षा के लिए है।
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