राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष और सांसद सांवर लाल जाट जुझारू छवि के नेता थे और सदैव सर्वहारा वर्ग के हितों के लिये संर्घषरत रहे।
श्री जाट का जन्म एक जनवरी 1955 को अजमेर जिले के गोपालपुरा गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। वह अजमेर लोकसभा संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद थे। राजस्थान की 14 वीं विधानसभा में नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुये थे और बाद में उन्होंने मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद की शपथ ली थी।
उन्होंने वाणिज्य में स्नातकोतर करने के बाद राजस्थान विश्वविधालय में शिक्षक का कार्य किया। वह नौंवी दसवी ज्ञारहवीं और 12 विधानसभा में विधानसभा के अजमेर जिले की भिनाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और 14 वीं विधानसभा में वह नसीराबाद से चुने गये। वह 1993, 2003, और 2013 में राजस्थान सरकार में मंत्री रहे।
प्रो जाट विजयनगर के प्राज्ञ महाविद्यालय से बी कॉम किया और 1975 से 77 के बीच अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविधालय में एम काम की डिग्री ली और इसके बाद वह 1977: 78 में इसी कालेज में एबीएसटी संकाय में लेक्चरर रहे।
इसके बाद वह सांभरलेक में तथा 1983 में राजस्थान विश्वविद्यालय में कार्य किया।
राजस्थान की सक्रिय राजनीति में आने के बाद प्रांरभ में श्री जाट ने लोकदल और जनता दल से जुडे। प्रांरभ में वह प्रदेश युवा जनता के महामंत्री बने और वर्ष 1990 के चुनाव में वह पहली बार विधायक बने।1990 में जनता दल का विभाजन होने के बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
प्रो जाट ने भैरोसिंह शेखावत मंत्रिमंडल में 11 दिसम्बर 1993 में पहली बार मंत्री बने और 2008 में फिर विधायक चुने जाने के बाद श्रीमती राजे के पहले शासन में भी मंत्री बनाये गये। उसके बाद केन्द, में मोदी सरकार बनने पर उन्हें केंद्रीय जल संसाधन राजय मंत्री बनाया गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद उन्हें पद से हटाया गया जिन्हें श्रीमती राजे सरकार ने पुन राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया।