भारतीय वन सेवा के अधिकारी परवीन कस्वां ने ट्विटर पर एक अल्बिनो चित्तीदार हिरण की तस्वीर साझा की है। उत्तर प्रदेश के कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य में सोमवार सुबह अल्बिनो फॉन देखा गया। दुर्लभ रूप से दिखने वाले हिरण की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है।
फोटो में एक वयस्क हिरण के साथ, अल्बिनो फॉन को वन्यजीव अभयारण्य में मैदान में घूमते हुए देखा जा सकता है। IFS अधिकारी आकाश दीप बधावन ने तस्वीर को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, "अपनी टैगलाइन, "कतरनियाघाट - व्हेयर रेयर इज़ कॉमन" पर खरा उतरते हुए, आज सुबह एक अल्बिनो चित्तीदार हिरन का बच्चा देखा गया। पीसी - पुलकित गुप्ता, घड़ियाल संरक्षण टीम।
कासवान ने एल्बिनो हिरण के अनुकूल होने में कठिनाई के बारे में बताया। "प्रकृति में अपवाद पहले हटा दिए जाते हैं। उन्हें अनुकूलित करना कठिन है, उन्होने ट्वीट में लिखा IFS अधिकारी सुशांत नंदा ने 15 साल पहले ओडिशा के अंगुल जिले में देखे गए ऐसे ही एक हिरण की याद ताजा की। नंदा ने लिखा “सोने का हिरण रामायण का हिस्सा था। यहां @aakashbadhawan द्वारा साझा किया गया एक चांदी का हिरण है।
15 साल पहले अंगुल जिले के लबांगी गेस्ट हाउस में एक देखा था"। जबकि कुछ उपयोगकर्ता इसके देखे जाने से चकित थे, कई अन्य शिकारियों से होने वाले खतरे के बारे में चिंतित थे। आकाश दीप बधावन के ट्वीट के निचे कुछ लोगों ने कमेंट किया। एक यूजर लिखता है "वेरी रेएर"। एक और यूजर लिखता है "यह शिकारियों के लिए बैठी हुई बत्तख है"।In nature exceptions are removed first. They are hard to adapt. https://t.co/Ttj1iIN747
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) March 10, 2023
एक और यूजर लिखता है "वाह, तो जल्द ही फिर से "कतरनियाघाट- जहां दुर्लभ है आम" जाने की योजना बनानी होगी"।Golden deer was part of Ramayana. Here is a silver deer shared by @aakashbadhawan.
— Susanta Nanda (@susantananda3) March 10, 2023
Had seen one at Labangi guest house of Angul District 15 years earlier. pic.twitter.com/VosKHlSk3t
अल्बिनो जानवर शिकारियों के आसान शिकार बन जाते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि छलावरण क्षमता की कमी के कारण उनका बचना मुश्किल है।
अभयारण्य की वेबसाइट के अनुसार, बहराइच जिले में कटारनिया घाट वन्यजीव अभयारण्य कई लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है, जिनमें घड़ियाल, बाघ, राइनो, गंगा डॉल्फिन, दलदल हिरण, हिस्पिड खरगोश, बंगाल फ्लोरिकन, सफेद पीठ वाले और लंबे चोंच वाले गिद्ध शामिल हैं।