सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक अस्थमा है। गला व छाती इस बीमारी के दौरान बहुत ही ज्यादा प्रभावित पड़ता है। जब अस्थमा की परेशानी होती है तो आक्सीजन की सही मात्रा फेफड़ों तक नहीं जा पाती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को सांस समस्या शुरू हो जाती है। कई तरह की सावधानियां इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को बरतनी पड़ती हैं। इस बीमारी में आप कुछ योगासन के अभ्यास से आराम पा सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कौन से योग अस्थमा के दौरान करें चाहिए।
अर्ध मत्येंद्र आसन
इस योगासन करने के लिए अपने दोनों पैरों को पहले आप सीधा फैला लें। उसके बाद अपने बाएं पैर मोड़ लें और एड़ी के सहारे बैठें। उसके बाद अपने दाहिने पैर के घुटने को मोड़ें और खड़ा कर दें फिर बाएं पैर की जांघ से ऊपर ले जाते हुए जांघ के पीछे जमीन पर रख दें। उसके बाद दाहिने पैर के घुटने से पार अपने बाएं हाथ को करके दाहिने पैर का अंगूठा पकड़ें। फिर पीठ के पीछे से अपने दाहिना हाथ को घुमाएं। दाहिनी ओर इतना अपने सिर को घुमा लें जीसे आपकी ठोड़ी और बायां कंधा एक सीधी लाइन में आ जाएं। ध्यान रहे नीचे की तरफ झुकें नहीं। छाती को अपनी तना हुआ रखें।
पवन मुक्तासन
शरीर की दूषित हवा इस आसान को करने से बाहर आ जाती है। इस आसन को पवन मुक्तासन इसलिए भी कहा जाता है। शवासन की मुद्रा में लेट जाएं इस आसान को करने के लिए। उसके बाद एक-दूसरे के साथ अपने दोनों पैरों को मिला लें। उसके बाद कमर पर अपने हाथों को रख लें। जमीन पर अपने पंजों को रखते हुए घुटनों के पास से पैरों को मोड़ लें। बाद में छाती पर धीरे-धीरे दोनों घुटनों को रख लें। फिर घुटनों को अपने हाथों की कैंची बनाते हुए पकड़ें। उसके बाद सिर को जमीन से सांस को बाहर निकालते हुए ऊपर उठाते हुए अपनी ठोड़ी को घुटनों से मिलाएं। अब घुटनों को छाती की ओर हाथों की कैंची बनी हथेलियों से सुविधानुसार दबाएं।
शवासन
इस आसान के नाम से जानना जा सकता है कि यह मुर्दे की तरह है। पीठ के बल यह आसान करने के लिए लेट जाएं और फिर ज्यादा से ज्यादा अंतर रखते हुए अपने दोनों पैरों को फैला लें। इस समय बाहर की तरफ पैरों के पंजे हों और एड़ियां अंदर की तरफ हों। फिर शरीर से लगभग एक फिट की दूरी पर आप अपने दोनों हाथों को रख लें। अब आकाश की ओर हाथों की अंगुलियां को रखें और सांस को धीरे-धीरे खींचें और छोड़ें। फिर सांसों पर ध्यान अपनी आंखों को बंद कर दें। जब आप इस आसान को कर रहे हैं तो शरीर को पूरा ढीला उस समय छोड़ दें।