हाल ही में उत्तर प्रदेश के इटावा से एक बेहद चौंका देने वाली घटना सामने आई है। जहां पर एक 72 साल के बुजुर्ग को सिर्फ इसलिए शताब्दी ट्रेन में नहीं चढऩे दिया क्योंकि उस बुजुर्ग ने धोती कुर्ता पहना हुआ था। खास बात ये कि ये बुजुर्ग बिना टिकट के यात्रा नहीं कर रहे थे इनके पास शताब्दी के सी-2 कोच की 72 नंबर की सीट पर गाजियाबाद जाने के लिए कन्फर्म टिकट भी थी,लेकिन बावजूद इसके सिर्फ उनकी वेशभूषा को देखते हुए उन्हें ट्रेन में चढऩे से साफ मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपना सफर अगली गाड़ी से जनरल कोच में पूरा किया। फिलहाल इस मामले में रेलवे ने जांच करने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला 4 जुलाई का है। 72 साल के रामअवध दास इटावा स्टेशन पर खड़े होकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उन्हें कानपुर से दिल्ली आ रही शताब्दी एक्सप्रेस में चढऩा था। उनकी ट्रेन के रिजव्र्ड कोच नंबर सी-2 में बुकिंग थी। ट्रेन दो मिनट के लिए इटावा स्टेशन पर रुकती है। ट्रेन आई,वह जैसे ही कोच में चढऩे लगे उन्हें कोच अटेंडेंट ने ट्रेन में चढऩे नहीं दिया।
वजह यह थी कि उन्होंने धोती पहनी हुई थी और हाथ मे एक कपड़े का झोला लिया हुआ था एवं एक छाता लिया हुआ था । इतना ही नहीं सबसे शर्म की बात ये हुई जब वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी ने उन बुजुर्ग का मजाक बनाया। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग के पास ट्रेन की कन्फर्म टिकट होने के बाद भी उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया। जिसके बाद रामअवध दास ने रेल थाने मे इसकी शिकायत दर्ज कराई। ये बुजुर्ग बाराबंकी के ग्राम मूसेपुर थुरतिया का रहने वाला है।
बुजुर्ग ने की स्टेशन मास्टर रामअवध जी से मुलाकात
रामअवध दास ने स्टेशन मास्टर को अपना टिकट दिखाया लेकिन दोनों में से किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। ट्रेन महज दो मिनट के लिए ही रुकती है। लिहाजा वह आगे चल पड़ी और फिर क्या था रामअवध जी वहीं प्लेटफॉर्म पर खड़े रह गए। यह पूरी घटना होने के बाद उन्होंने तुंरत स्टेशन मास्टर प्रिंस राज यादव से मुलाकात की और शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद उन्हें रेलवे अधिकारी ने मगध एक्सप्रेस में सीट भी दी लेकिन वह नहीं गए।
बुजुर्ग ने इस बात का उल्लेख शिकायती रजिस्टर में भी किया है। इस पूरी घटना पर रेल मंत्रालय ने संबंधित डीआरएम और आरपीएफ को कार्रवाई करने के निर्देश दिया है। वहीं इस घटना पर इटावा के रेलवे मास्टर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।