सुख और दुख जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। जीवन में उतार-चढ़ाव आना आम बात है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की ग्रह दशा खराब चल रही होती है तो उसके जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं। हर बीमारी का समबन्ध किसी न किसी ग्रह से है जो आपकी कुंडली में या तो कमजोर है या फिर दूसरे ग्रहों से बुरी तरह प्रभावित है। यदि आप बार-बार चोटिल हो रहे हैं या बार बार होता है एक्सीडेंट, तो इसका कारण ग्रह दोष हो सकता है। ग्रहों की स्थिति अशुभ या नीच होने पर व्यक्ति को चोट लगती है।
दुर्घटना का संबंध ग्रहों से होता है। इसलिए अगर आप बार-बार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं तो सबसे पहले ग्रहों की स्थिति पर विचार करें। कुंडली में शनि, चंद्रमा, राहु जैसे ग्रहों की स्थिति अशुभ होने से व्यक्ति को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है।दुर्घटना के लिए आमतौर पर शनि, राहु, मंगल जैसे ग्रह जिम्मेदार होते हैं।
बुध ग्रह- खराब बुध से व्यक्ति को चर्म रोग अधिक होते हैं। इससे बचन के लिए गाय को हरा चारा खिलाएं। हाथ में तांबे का कड़ा या छल्ला पहनें।
शुक्र ग्रह- यदि शुक्र की स्थिति अशुभ है तो जातक के जीवन से मनोरंजन को समाप्त कर देता है। इससे बचने के लिए चावल या किसी भी सफेद रंग की वस्तुओं का दान करें। साथ ही मां लक्ष्मी की उपासना करें।
चंद्र ग्रह- यदि चन्द्र कमजोर है तो मन कमजोर होगा और आप भावुक अधिक होंगे। चांदी के ग्लास से पानी पिएं। शिवजी की उपासना करने से भी चंद्र देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गुरु ग्रह- गुरु कमजोर होने से पीलिया या पेट के अन्य रोग होते हैं। इस से बचने के लिए पीली चीजों का दान करें। इस दिन भूलकर भी केला न खाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।
शनि ग्रह- शनि दुःख और पीड़ा का प्रतिनिधित्व करता है।इस के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के पास दीपक जलाएं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल ग्रह- जिनका मंगल कमजोर होता है रक्त की बीमारियों के अतिरिक्त जोश की कमी होगी। लाल मसूर की दाल का दान करें और सुंदरकांड का पाठ करें।
सूर्य ग्रह- सूर्य अच्छा नहीं है तो सर्व प्रथम आपके बाल झड़ेंगे। जल में रोली मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का जाप करें।