लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

अफगानिस्तान के इस पिता ने जीता लोगों का दिल, बेटियों को पढ़ाने के लिए रोजाना करते हैं12 Km की दूरी तय

अक्सर देखा गया है लोग अपने बेटों को पढ़ाने के लिए बेटियों को घरों में कैद करते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को बेटों के सामान समझते हैं

अक्सर देखा गया है लोग अपने बेटों को पढ़ाने के लिए बेटियों को घरों में कैद करते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को बेटों के सामान समझते हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। बता दें कि इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पिता की कहानी खूब वायरल हो रही है। 
1575626670 afganistan father
दरअसल यह पिता रोजाना अपनी बेटियों को मोटरसाइकिल पर बेटियों को 12 किलोमीटर की दूरी तय करके पढ़ाने के लिए भेजते हैं। इतना ही नहीं यह पिता अपनी बेटियों के स्कूल खत्म होने तक बाहर ही घंटों तक खड़े रहते हैं। ऐसा इसलिए ताकि वह अपनी बेटियों का साथ लेकर घर जाएं। सोशल मीडिया यूजर्स ने मिया खान को असली हीरो करारा दे दिया है। 
मिया खान की कहानी क्या है?

1575626541 afganistan father daughter
अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में मिया खान रहते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं और उनका ख्याल वह बेटों की तरह रखते हैं। जिस तरह से लोग बेटों को अच्छी तालीम देते हैं उसी तरह से मिया खान अपनी बेटियों को वहीं पढ़ाई देना चाहते हैं। मिया खान कहते हैं कि मैं अनपढ़ हूं और दिहाड़ी पर जी रहा हूं, लेकिन बेटियों की शिक्षा मेरे लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि हमारे इलाके में एक भी डॉक्टर नहीं है। मेरा सपना है कि मैं अपी बेटियों को को बेटों की तरह ही पढ़ाऊं। 
एक ही स्कूल में पढ़ती हैं तीनों बेटियां

1575626516 afganistan father
नूरानिया स्कूल में मिया खान की तीनों बेटियां पढ़ती हैं और वह हर रोज उन्हें स्कूल लेकर जाते हैं। स्वीडिश कमेटी ऑफ अफगानिस्तान द्वारा यह स्कूल चलता है। मिया खान की बेटी रोजी ने कहा, मैं बहेद खुुुश हूं कि मैं पढ़ाई कर रही हूं। मैं छठी क्लास में हूं। पापा या भाई हमें मोटरसाइकिल पर रोज स्कूल लाते हैं। और जब हमारी छुट्टी होती है, तो हमें वापस घर लेकर जाते हैं। तीनों बेटियां मिया खान की एक स्कूल में पढ़ती हैं। दो बेटियां छठी क्लास में हैं और एक 5वीं क्लास में है। 
इनकी कहानी पसंद कर रहे हैं लोग


एनजीओ स्वीडिश कमेटी ऑफ अफगानिस्तान ने इस पिता की कहानी को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया। अब तक 400 से ज्यादा शेयर, लगभग 2 हजार लाइक्स और 140 से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। 
इन पर हमें गर्व है

नायला इनायत नाम के एक शख्स ने इस पिता को सलाम किया और अपने ट्विटर पर इनकी कहानी को पोस्ट किया। 9 हजार लाइक्स और 2.2 रीट्वीट इस पोस्ट को अब मिल गए हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four + 6 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।