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इस ‘ट्रीमैन’ को 25 सर्जरी के बाद भी नहीं मिल सका असहनीय दर्द राहत,कटवाना चाहता है हाथ

ट्रीमैन के नाम से मशहूर अबुल बाजंदर जो बांग्लादेश के निवासी है यह अपनी बीमारी से इस कदर परेशान हो चुके हैं कि वह अब अपने हाथ कटवा देने पर मजबूर हो गए हैं।

ट्रीमैन के नाम से मशहूर अबुल बाजंदर जो बांग्लादेश के निवासी है यह अपनी बीमारी से इस कदर परेशान हो चुके हैं कि वह अब अपने हाथ कटवा देने पर मजबूर हो गए हैं। सोमवार के दिन बाजंदर ने कहा कि वह असहनीय हो चुके दर्द से बचने के लिए अब अपने हाथों को कटवा देना चाहते हैं। 
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बाजंदर Epidermodysplasia Verruciformis नाम की बीमारी से पीड़ित हैं।  वह अपनी इस बीमारी को पिछले दो दशक से झेल रहे हैं। उनकी बॉडी में ज्यादातर हिस्सो में पेड़ की छाल जैसी संरचना नजर आती है। यही वजह है कि बाजंदर को अपने हाथ-पैरों पर तकरीबन 5 किलो वजन के बोझ को सहन करना पड़ता है। 
इतना ही नहीं बाजंदर साल 2016 के बाद से करीब 25 ऑपरेशन करवा चुके हैं ताकि उनके हाथ-पैरों पर से ये अवांछित वृद्घि को हटाया जा सके। डॉक्टरों को एक फेर को लगा कि उन्होंने अपनी इस बीमारी पर जीत हासिल कर ली है लेकिन पिछले साल मई के महीने में उसे फिर से ढाका क्लीनिक में जाना पड़ा। 
बता दें कि बाजंदर अभी 28 साल के हैं इनका एक बेटा भी है। जनवरी के महीने में जब बाजंदर की तबीयत खराब हुई तब उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उनके शरीर पर कई इंच लंबी पेड़ जैसी छाल बढ़ आई थी। 
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डॉक्टरों ने बताया कि साल 2016 में सर्जरी से पहले बाजंदर ना तो खुद से खा सकते थे और न ही वह दांत ब्रश कर सकते थे एंव ना ही खुद से नहा सकते थे। बाजंदर ने बताया कि मैं अब इस दर्द को और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। मैं रात को सो भी नहीं सकता हूं। मैंने डॉक्टर्स को बोला भी कि वो मेरे हाथ को काट दें ताकि मुझे थोड़ी बहुत राहत मिल सके। 
वहीं बाजंदर की मां का भी यही कहना है कि कम से कम उसे इस भायनक दर्द से तो राहत मिल सकेगी। क्योंकि यह तो बिल्कुल नरक जैसी स्थिति है। इतना ही नहीं बाजंदर ने कहा वह अच्छा इलाज करवाने के लिए विदेश जाना चाहते हैं,लेकिन अफसोस की उनके पासा खर्च पूरा करने के लिए पैसे नहीं हैं। 
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प्रमुख प्लास्टिक सर्जन समंत लाल सेन ने बताया कि मंगलवार को सात डॉक्टरों की एक टीम बाजंदर की स्थिति पर बातचीत करेगी। सेन ने बताया कि उसने अपनी व्यक्तिगत राय दे दी है,लेकिन हम किसी की भी बात को नहीं मानते हुए वो करेंगे जो उसके लिए सबसे अच्छा तरीका होगा।
बाजंदर की इस हालत को देखते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बाजंदर के फ्री इलाज का वादा किया थ। क्योंकि यह बीमारी बहुत ही ज्यादा दुर्लभ है। इस बीमारी से पूरी दुनिया में आधा दर्जन से भी कम लोग पीडि़त हैं।

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