महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसी शख्सियत हैं, जो मैदान पर ही नहीं, बल्कि मैदान के बाहर भी अपने कूल अंदाज के लिए जाने जाते हैं। फील्ड पर धोनी की स्मार्टनेस ही उन्हें जीनियस बनाती है। अपनी कप्तानी के दौरान धोनी ने भारतीय क्रिकेट को एक नए आयाम पर पहुंचाया। धोनी के प्रजेंस ऑफ माइंड की वजह से टीम इंडिया कई बार बड़ी से बड़ी टीम को हराने में कामयाब हुई है। ये सिलसिला माही की कप्तानी छोड़ने के बाद भी जारी है।
वे कप्तानी छोड़ने के बाद भी मैच के दौरान जरूरत पड़ने पर अपने सुझाव देते रहते हैं। आपको याद होगा कि अपनी कप्तानी के दौरान जब धोनी कोई ट्रॉफी जीतते थे, तो सेलिब्रेशन के समय उसे अपनी टीम के नए खिलाड़ियों के हाथों में दे देते थे। मगर क्या आपको पता है कि धोनी ऐसा क्यों करते थे। आइये आपको बताते हैं धोनी की इस आदत की वजह।
लाइमलाइट से दूर रहने वाले धोनी से एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि आखिर जीत के बाद वह छिपे-छिपे से नजर क्यों आते हैं? इसका जवाब देते हुए धोनी ने कहा, ”मैं टीम के साथ ही रहता हूं बस पीछे होने की वजह से अधिकतर मैचों में जीत के बाद मेरी तस्वीर नहीं आ पाती है।
अक्सर बल्लेबाजों के अर्धशतक और शतक बनने के दौरान टीम के साथी खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम से ताली बजाकर उसका हौसला बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन धोनी ऐसे मौके पर बेहद कम ही दिखते हैं। धोनी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं उनकी खुशी में शामिल नहीं होता बस मेरी एंट्री थोड़ी लेट होती है।
धोनी के मुताबिक जब किसी बल्लेबाज का 50 या 100 होने वाला होता है तो वह इस वजह से पहले जाकर ड्रेसिंग रूम में खड़े नहीं होते कि अगर खिलाड़ी आउट हो गया तो…धोनी हमेशा खिलाड़ी का शतक पूरा होने के बाद बाहर जाकर तालियां बजाते हैं, लेकिन आगे खिलाड़ियों के होने की वजह से कैमरे में उनका चेहरा नहीं आ पाता। जब धोनी से पूछा गया कि वह सीरीज जीतने के बाद ट्रॉफी दूसरे खिलाड़ी को क्यों दे देते हैं? इस पर धोनी ने कहा, ”ट्रॉफी मैं पकड़ूं या कोई और क्या फर्क पड़ता है।
धोनी के मुताबिक वह बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ट्रॉफी देना बेहतर समझते हैं। ऐसा करने से खिलाड़ियों के अंदर भविष्य में और बेहतर करने की जिज्ञासा जागेगी। इसके अलावा युवा खिलाड़ियों का भी इससे काफी मनोबल बढ़ता है। धोनी ने बताया कि उनकी कोशिश युवा खिलाड़ियों को मोटिवेट करने की होती है।
धोनी ने कुल 199 वनडे मैचों कप्तानी की, जिसमें टीम इंडिया ने 110 मैच जीते। धोनी की कप्तानी में घरेलू वनडे मैचों में कुल 73 में से 43 मैचों जीत हासिल की। वनडे में बैटिंग स्ट्राइक रेट व औसत की बात की जाए तो एबी डिविलियर्स के बाद धोनी दुनिया के दूसरे सफलतम कप्तान हैं। 199 मैचों की कप्तानी करते हुए धोनी ने कुल 6633 रन, जबकि डिविलियर्स ने 87 मैचों की कप्तानी में 4217 रन बनाए।