1 अप्रैल यानी आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। अष्टमी तिथि के दिन मां गौरी की पूजा करने से भक्तों के सभी तरह के कष्ट और पापों का निवारण हो जाता है। इतना ही नहीं अष्टमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है।
धार्मिक कथा के मुताबिक भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी जिस वजह से इनका रंग काला हो गया। देवी की इस तपस्या को देखते हुए प्रसन्न होकर भगवान शिव उन्हें स्वीकार कर लेते हैं और माता के शरीर को गंगाजल से धोते हैं। तब देवी बिजली के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती है और तभी से इनका नाम गौरी पड़ गया।
अष्टमी के दिन कन्या भोजन का महत्व
बता दें की अष्टमी के दिन महिलाएं अपने पति के लिए मां दुर्गा को चुनरी अर्पित करती हैं। हर दिन की तरह इस खास दिन भी देवी के मंत्र के साथ पूजा करना शुभ माना जाता है। अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा उपाय कन्या भोजन है। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने चैत्र नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के व्रत नहीं रखें तो ऐसे लोग भी नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकतें।
अष्टमी के दिन मां दुर्गा को चढ़ाएं नारियल
महागौरी को सफेद रंग अति प्रिय है इस वजह से इस दिन सफेद रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। साथ ही देवी को सफेद फूल बेली, चमेली की माला भी अर्पित करनी चाहिए। इसके अलावा अष्टमी के दिन महागौरी को नारियल चढ़ाने से हर तरह के कष्ट से छुटकारा मिल जाता है।
महागौरी के आशीर्वाद से विवाह संबंधी परेशानियों होंगी दूर
कहा जाता है विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अष्टमी तिथि के दिन मां गौरी के इस मंत्र का उच्चारण कर लेने से मां का आशीर्वाद आपके ऊपर होने से विवाह संबंधी सभी परेशानियों से जल्द ही मुक्ति मिल जाती है धन।
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा।।