24 साल के विवेक गुरव पुणे के रहने वाले हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। बता दें कि पर्यावरण को साफ और स्वस्थ बनाने के काम में वह कॉलेज के दिनों से ही लगे हुए हैं। खबरों के अनुसार, स्वच्छ भारत अभियान से विवेक ग्रैजुएशन के समय में जुड़े थे।
प्लॉगिंग को उन्होंने पुणे को प्लास्टिक-फ्री और सस्टेनेबल बनाने के लिए अपनाया। अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड प्लाॉगिंग बन गया है। दरसअल जॉगिंग या तेजी से चलते हुए लोग कचरा रास्ते से उठाते हैं। इसे प्लाॉगिंग कहते हैं। इससे फिटनेस के साथ सफाई भी होता है।
हर उम्र के लोग जुड़े उनसे
लगभग 10 पायलट प्लाॉगिंग ड्राइव्स उन्होंने जून 2019 में अपने दोस्तों के साथ शहर में की। वह जिस रास्ते से जाते थे वहां से उन्होंने कचरा जैसे-प्लास्टिक की बोतल, कांच की बोतल, पॉलिथीन, रैपर पैक यह सब उठाना शुरु किया। उसके बाद पुणे प्लाॉगर्स नाम के एक अभियान की शुरुआत उन्होंने की। इस अभियान से करीब 500 से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं।
50 हजार किलो कचरा किया इकट्ठा
यह लोग मिलकर एक टीम हर शनिवार मिलकर बनाते हैं और फिर प्लाॉगिंग ड्राइव लगभग 6 जगहों पर करते हैं। उसके बाद वह ऐसी एक जगह रविवार के दिन चुनते हैं जहां पर समय ज्यादा लगे। विवेक ने कहा कि मुठा नदी पर हर रविवार वह ड्राइव कर रहे हैं। वहां से 100 से ज्यादा उन्होंने प्लाॉगिंग ड्राइव कर ली है। इस दौरान उन्होंने 50 हजार किलोग्राम कचरा इकट्ठा कर लिया।
साफ और स्वस्थ पर्यावरण को रखें
बता दें कि केवल कचरा इकट्ठा करना ही पुणे पलॉगर्स का काम नहीं है7 वेस्ट मैनेजमेंट भी वह सही तरीके से करते हैं। कचरा इकट्ठा करने के बाद उनकी टीी अलग-अलग श्रेणी में बांट देती है। रिसायकलर्स पर कचरा चला जाता है। विवेक ने बताया कि सरकार की सिर्फ जिम्मेदारी नहीं है पर्यावरण को स्वस्थ और साफ रखने की। हमारा भी कर्तव्य है कि अपनी आस-पास की जगह को साफ रखें।