वैश्विक महामारी कोरोना वायरस अब देशभर में अपने पैर पसार चुका है। इस जानलेवा वायरस की चपेट में अब तक 9,152 लोग आ चुके हैं वहीं 308 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जी जान से इस मुश्किल समय में अपना पूरा-पूरा योगदान दे रहे हैं और अपने घर परिवार की परवाह किए बिना देश को इन मुसीबत भरे पलों से बाहर निकलने में अपनी पूरी जान झोंके हुए हैं।
ऐसी ही कुछ कहानी है कोरोना फाइटर श्रीजना की जो विशाखापत्तनम नगर निगम की आयुक्त हैं ।वैसे देखा जाए तो असल मायने में तो श्रीजना ही कोरोना योद्धा है। बता दें की श्रीजना ने अभी 22 दिन पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में जब दफ्तर में उनकी जरूरत हुई तो कोरोना की परवाह किये बिना ही वो ऑफिस आ गईं।
डिलीवरी के कुछ दिन बाद ही आईं दफ्तर
श्रीजना का कहना है कि इस समय जब पूरा देश कोरोना के संक्रमण से लड़ रहा है तो परिवार की जिम्मेदारियों से पहले देश के प्रति फर्ज अदा करना ज्यादा जरूरी है। कोरोना से देश में हो रही तहस-नहस की वजह से वह अपनी डिलीवरी के महज 22 दिन पूरे कर लेने के बाद ही ड्यूटी करने ऑफिस आ गयी हैं।
श्रीजना ने जब अपने बच्चे को जन्म दिया तभी से देश में कोरोना वायरस के चलते 21 दिनों का सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषित कर दिया गया। लेकिन ऑफिस में ज्यादा काम और उनकी जरूरत को देखते उन्होंने दफ्तर आकर अपना काम संभला। उनका कहना है हालात कुछ ठीक नहीं होने की वजह से मेरा फर्ज बनता है कि इस बुरे समय में मैं देश की सेवा करू।
मां और पति करते हैं मदद
श्रीजना ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस मुश्किल वक्त में उनके वकील पति और मां उनका पूरा स्पोर्ट कर रहे हैं। जिस वजह से वह अपने ऑफिस का काम कर पाती हैं क्योंकि वह हर चार घंटे बाद अपने घर जाती हैं ताकि अपने बच्चे को दूध पिला सकें और इसके बाद दोबरा ऑफिस आ जाए। इस बीच नवजात शिशु को उनके पति और उनकी मां बच्चे की देखभाल करते हैं। लेकिन बहुत बार ऐसा भी होता है जब श्रीजना अपने बेबी को ऑफिस लेकर आती है और वह बच्चे को गोद में लेकर अपना काम करती हैं।