कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में हो रहा है। इसी बीच कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लोग मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष में मदद का आह्वान किया था जिसके बाद से आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक सपने भारत सरकार के साथ-साथ राज्यों सरकार और अलग सरकारी इकाईयों में मदद का हाथ बढ़ाते हुए रकम राहत कोष में दान करी है। इसी बीच जम्मू की एक बुजुर्ग महिला ने भी कोरोना वायरस की इस जंग में अपनी ओर से योगदान किया है। हज पर जाने के लिए इस महिला ने कुछ पैसे जोड़े थे जिनको उन्होंने कोरोना वायरस के लिए दान कर दिए हैं।
इस साल हज पर 87 साल की खालिदा बेगम ने जाना था लेकिन उनका यह कार्यक्रम कोरोना वायरस की वजह से रद्द हो गया। हज के लिए उन्होंने 5 लाख रूपए इकट्ठा किऐ थे जिसे उन्होंने कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज और रोकथाम को रोकने के लिए दान में दे दिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और मौतूदा जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू के सलाहकार फारुख खान की मां खालिदा बेगम हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अखिल भारतीय सेवा की जम्मू इकाई को खालिदा बेगम ने पांच लाख रूपए दान में दिए हैं।
खालिदा बेगम कौन हैं?
खालिदा एक फौजी परिवार से हैं और जम्मू-कश्मीर जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष कर्नल पीर मोहम्मद की बहू हैं। जम्मू-कश्मीर में महाराजा की सेना में खालिदा के पिता कर्नल अब्दुुल रहीम खान अधिकारी के तौर पर तैनात थे। राज्य की उन कुछ महिलाओं में से एक खालिदा हैं जिन्होंने कॉन्वेट स्कूल में पढ़ाई 70 के दशक में की थी।
खालिदा ने कहा कि राज्य के लोगों की देखभाल के लिए इस्तेमाल उनकी तरफ से दी गई दान की राशि हो ताकि कोरोना वायरस जैसे बड़े संकट से जल्दी देश और राज्य मुक्त हों। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मीडिया विंग इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख अरुण आनंद ने बताया कि राज्य में सेवा भारती द्वारा काम लॉकडाउन के समय में हो रहा है और खालिदा यह कल्याण काम देखकर बहुत ही प्रभावित और प्रसन्न हुईं जिसके बाद उन्होंने पांच लाख रूपए दान में देने का फैसला लिया।