ऐसे लोग जो अपने से ज्यादा प्रकृति की चिंता करते हैं वह इस बात से जरूर वाकिफ होंगे आखिर उन्हें बीज से पौधा और पौधे से पेड़ बनते देखने में कितना समय लगता है और जिसने इस पेड़ को लगाया है उसे कितना अच्छा लगता है। ऐसे ही एक बुजुर्ग दारिपल्ली रामैया भी हैं जो ‘ट्री मैन’ के नाम से भी लोगों के बीच मशहूर हैं। बता दें 83 साल के ये ‘ट्री मैन’ अब तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं।
लोग कहते थे पागल
इस बूढ़े दादा की पेड़ों और हरियाली के प्रति ऐसे जुनून के लिए लोगों ने उन्हें ‘पागल’ करारा दिया था। मगर जब उन्हें साल 2017 में भारत सरकार की तरफ से इसी नेक काम के लिए ‘पद्मश्री सम्मान’ मिला तो सभी की बोलती बंद हो गयी और लोग उनकी खूब तारीफ करने लगे।
जहां भी दिख जाए खाली जगह
ऐसा नहीं है वो पहले से ही इतने पेड़-पौधे लगाते आ रहे हैं,उनका तो अचानक ही प्रकृति की ओर प्रेम बढ़ गया है। दरअसल पर्यावरण प्रदूषण के ज्यादा होने की वजह से मन विचलित हुआ और उन्होंने इस नए अभियान की शुरुआत की। दारिपल्ली रामैयाअपनी जेब में बीज और साईकिल पर पौधे रखकर जिले का लंबा सफर तय करने लगे।
जहां भी उन्हें खाली जगह दिखती वहीं वो पौधे लगा देते। सबसे पहली शुरुआत उन्होंने तेलंगाना के खम्मम जिले के रेड्डिपल्लि गांव से की। पर्यावरण प्रेमी ये बुजुर्ग खुद ही पेड़-पौधों की देख-रेख भी करते हैं। अगर कोई पेड़ सूख जाता है उन्हें दुःख होता है। वो पेड़ों को बच्चे की तरह ही पालते हैं।
इतना ही नहीं उनको पेड़-पौधों के बारे में इतना पता लग चूका है कि आज उनके पास 600 से ज्यादा किस्म के बीज हैं,जिनकी गुणवत्ता का ज्ञान उनको कई पढ़े-लिखे और पर्यावरण विद लोगों से ज्यादा ही है। हालांकि दारिपल्ली रामैया ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं। इतना ही नहीं हरियाली और वृक्षारोपण के प्रति जागरुक करने वाले रमैया ने अपनी तीन एकड़ जमीन तक बेच दी थी ताकि इन पैसो से वो बीज और पौधे खरीद पाए।