लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

इस 83 साल के बुजुर्ग ने हरी-भरी दुनिया कायम रखने के लिए लगाए 1 करोड़ से ज्यादा पेड़-पौधे

ऐसे लोग जो अपने से ज्यादा प्रकृति की चिंता करते हैं वह इस बात से जरूर वाकिफ होंगे आखिर उन्हें बीज से पौधा और पौधे से पेड़ बनते देखने में कितना समय लगता है

ऐसे लोग जो अपने से ज्यादा प्रकृति की चिंता करते हैं वह इस बात से जरूर वाकिफ होंगे आखिर उन्हें बीज से पौधा और पौधे से पेड़ बनते देखने में कितना समय लगता है और जिसने इस पेड़ को लगाया है उसे  कितना अच्छा लगता है। ऐसे ही एक बुजुर्ग दारिपल्ली रामैया भी हैं जो ‘ट्री मैन’ के नाम से भी लोगों के बीच मशहूर हैं। बता दें 83 साल के ये ‘ट्री मैन’ अब तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं।
1594642548 23

लोग कहते थे पागल
इस बूढ़े दादा की पेड़ों और हरियाली के प्रति ऐसे जुनून के लिए लोगों ने उन्हें ‘पागल’ करारा दिया था। मगर जब उन्हें साल 2017 में भारत सरकार की तरफ से इसी नेक काम के लिए ‘पद्मश्री सम्मान’ मिला तो सभी की बोलती बंद हो गयी और लोग उनकी खूब तारीफ करने लगे।
1594642562 24
जहां भी दिख जाए खाली जगह 
ऐसा नहीं है वो पहले से ही इतने पेड़-पौधे लगाते आ रहे हैं,उनका तो अचानक ही प्रकृति की ओर प्रेम बढ़ गया है। दरअसल पर्यावरण प्रदूषण के ज्यादा होने की वजह से मन विचलित हुआ और उन्होंने इस नए अभियान की शुरुआत की। दारिपल्ली रामैयाअपनी जेब में बीज और साईकिल पर पौधे रखकर जिले का लंबा सफर तय करने लगे। 
1594642576 25
जहां भी उन्हें खाली जगह दिखती वहीं वो पौधे लगा देते। सबसे पहली शुरुआत उन्होंने तेलंगाना के खम्मम जिले के रेड्डिपल्लि गांव से की। पर्यावरण प्रेमी ये बुजुर्ग खुद ही पेड़-पौधों की देख-रेख भी करते हैं। अगर कोई पेड़ सूख जाता है उन्‍हें दुःख होता है। वो पेड़ों को बच्‍चे की तरह ही पालते हैं। 
1594642627 26
इतना ही नहीं उनको पेड़-पौधों के बारे में इतना पता लग चूका है कि आज उनके पास 600 से ज्यादा किस्म के बीज हैं,जिनकी गुणवत्ता का ज्ञान उनको कई पढ़े-लिखे और पर्यावरण विद लोगों से ज्यादा ही है। हालांकि दारिपल्ली रामैया ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं। इतना ही नहीं हरियाली और वृक्षारोपण के प्रति जागरुक करने वाले रमैया ने अपनी तीन एकड़ जमीन तक बेच दी थी ताकि इन पैसो से वो बीज और पौधे खरीद पाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen − 12 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।