इंडिया एक आजाद देश है और जितनी फ्रीडम भारतीय के पास है, शायद ही किसी और देश के नागरिकों के पास हैं। भारत उतना ही सुंदर देश भी है, यहां घूमने के लिए काफी सारी जगहें है मगर इंडिया में ही कुछ ऐसी जगहें भी है जहां बिना इजाजत के भारतीय भी नहीं जा सकते हैं।
लोगों को लगता है कि सिर्फ विदेश जाने के लिए परमिशन की जरुर होती है लेकिन भारत के कुछ हिस्सें ऐसे हैं जहां आप बिना इजाजत के नहीं जा सकते हैं। इन खूबसूरत जगहों पर जाने के लिए विदेशियों को ही नहीं बल्कि भारतीयों को भी बाकायदा परमिशन लेनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी ही 5 जगहों के बारे में बताने वाले हैं जहां हर टूरिस्ट के लिए परमिशन लेना जरुरी है।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश म्यांमार, भूटान और चीन के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। इसलिए, सेंसिटिव ज़ोन होने के कारण, यहां आने के लिए हर नॉन लोकल को इनर लाइन परमिट लेना जरुरी होता है। जो लोग अरुणाचल प्रदेश घूमने की प्लॉनिंग कर रहे हैं, वो प्रोटेक्टेड इलाकों के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार और रेजिडेंट कमिश्नर से परमिट लेना होगा। परमिशन के लिए आपको नई दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी और शिलोंग के ऑफिस में जाना पड़ेगा। इनर लाइन परमिट की फीस सौ रुपए है और ये 30 दिन के लिए वैलिड होती है, वहीं परमिट ऑनलाइन भी ले सकते हैं।
नागालैंड
नागालैंड की सीमा म्यांमार के साथ लगी हुई है। इस जगह लगभग 16 जनजातियों रहती हैं जो अपने तरीके से अनोखी हैं, और उनकी अपनी अलग भाषा, रीति-रिवाज और बहुत कुछ है। जो लोग नागालैंड की यात्रा करना चाहते हैं, उन्हें यहां जाने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होगी, जो कोहिमा, दीमापुर, नई दिल्ली, मोकोकचुंग, शिलांग और कोलकाता के डिप्टी कमिश्नर से मिल जाएगा। इसके अलावा, आप परमिट के लिए ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।
लक्षद्वीप
लक्षद्वीप भारत की भूमि से करीब 400 कि.मी. दूर पश्चिमी दिशा में अरब सागर में स्थित है। यहां करीब 36 द्वीपों की माला पाई जाती है। सैलानियों का स्वर्ग कही जाने वाले लक्षद्वीप आने वाले हर टूरिस्ट को परमिशन लेनी पड़ती है।भारतीयों को भी यहां आने के लिए अपने लोकल पुलिस स्टेशन से क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। इसके साथ ही अपने सारे आइडेंटिफिकेशन आईडी साथ रखने होते है। परमिट मिलने के बाद आपको इसे लक्षद्वीप में स्टेशन हाउस ऑफिसर को जमा करना होता है। आप चाहें तो ऑनलाइन भी इसके लिए परमिशन ले सकते हैं।
सिक्किम में प्रोटेक्टेड इलाके
भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य सिक्किम देश के पूर्वी राज्यों में से एक है। हिमालय की खूबसूरती के साथ ही यहां की चोटियां, पवित्र झीलें, शानदार ट्रैकिंग पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। मगर इस खूबसूरत प्रदेश के कुछ हिस्से प्रोटेक्टेड है और वहां जाने के लिए विदेशियों के साथ-साथ भारतीयों को भी सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है।
यात्रियों को नाथुला दर्रा यात्रा, त्सोमगो-बाबा मंदिर यात्रा, दज़ोंगरी ट्रेक, सिंगालीला ट्रेक, युमेसमडोंग, गुरुडोंगमार झील यात्रा, युमथांग और जीरो पॉइंट यात्रा, और थंगु-चोपता घाटी यात्रा के लिए परमिट की जरूरत होगी। ये परमिशन टूरिज्म एंड सिविल एवीएशन डिपार्टमेंट द्वारा दिए जाते हैं। आप इन्हें बागडोगरा एयरपोर्ट और रांगपो चेक पोस्ट से भी ले सकते हैं।
मिजोरम
मिजोरम में कई ऐसी जनजातियां रहती हैं जो अब खत्म होने की कगार पर हैं। ये प्रदेश बेहद ही खूबसूरत है और ये अपने बॉर्डर को म्यांमार और बांग्लादेश के साथ शेयर करता है। इस प्रदेश में जाने के लिए लोगों को परमिट की जरुरत होती है और यहां की घूमने आने वाले यात्री इसे लायसन ऑफिसर, मिजोरम सरकार से भी ले सकते हैं। जो लोग मिजोरम फ्लाइट से जा रहे हैं उन्हें लेंगपुई एयरपोर्ट से ही परमिशन मिल जाएगी। यहां जाने के लिए दो तरह के परमिशन मिलते हैं, एक जो 15 दिन के लिए वैलिड होता है और दूसरा जो 6 महीने के लिए वैलिड होता है।