हाल ही में कर्नाटक के बेंगलुरु में बुजुर्गों की रेस हुई है। अरे..अरे ये रेस कोई दौडऩे वाली नहीं बल्कि तेज-तेज वॉक करने वाली रेस थी। कर्नाटक सरकार ने वल्र्ड एल्डर्स के तहत 100 से 200 मीटर की वॉक रेस का आयोजन किया था जिसमें करीब 250 बुजुर्गों ने हिस्सा लिया। वैसे इन बुजुर्गों को सलाम है जिन्होंने साबित कर दिया कि उम्र तो सिर्फ कहने के लिए है।
इस वॉक में 72 साल की सरोजाम्मा दादी ने 100 मीटर की रेस में पहला स्थान हासिल किया है। जबकि इस वॉक में बाजी मारने वाली 81 वर्षीय बूढ़ी दादी ललिथाम्मा ने 200 मीटर रेस पूरी कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जानकारी के लिए बता दें कि 1 अक्टूबर के दिन वल्ड एल्डर्स डे सेलिब्रेट किया जाएगा। जिसके चलते बेंगलुरु के कांतिवारा स्टेडियम में यह स्पोट्र्स मीट रखा गया था।
Karnataka: A sports meet was organised at the Kanteevara Stadium in Bengaluru by state govt for senior citizens on September 18, in the lead up to the World Elders’ day which falls on October 1. Around 250 senior citizens participated in the event. pic.twitter.com/2I1f8aMewQ
— ANI (@ANI) September 19, 2019
कॉलेज में प्रिंसिपल रह चुकी हैं दादी
ललिथाम्मा रिटायर्ड हो चुकी हैं। लेकिन दादी ने अपनी जवानी के दिनों में लॉन्ग रेस से लेकर दौड़ आदि में कई सारे मेडल्स भी जीते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मैं हर रोज कम से कम एक घंटा वॉक करती हूं और मुझे ऐसा लगता है कि इसी वजह से मैं रेस जीत सकी हूं। इस उम्र में मजबूत बने रहना कोई मामूली बात नहीं हैं। मुझे अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए अपने दिमाग को स्ट्रांग रखना पड़ता है।
ये हैं 100 मीटर की वॉक रेस जीतने वाली दादी
100 मीटर की वॉक रेस जीतने वाली सरोजाम्मा ने कहा मेरी बच्चों से पूछो जिन्होंने मुझे छोड़ दिया और मेरे साथ बुरा बर्ताव किया। उन्हेें जो कुछ भी चाहिए था वो उन्हें मिल गया। लेकिन मैं यहां हूं दौड़ रही हूं और इस तरह के इवेंट्स में भाग ले रही हूं ताकि जीवन के मुश्किल दौर को पीछे छोड़कर खुशी से आगे की बाकी जिंदगी को जी सकूं । एक रिपोर्ट के मुताबिक सरोजम्मा ने अपने घुटने में पट्टी बांधकर इस वॉक में पार्टिसिपेट किया।
सोशल मीडिया यूजर्स ने दिया अपना रिएक्शन
how sweet is that ?
— Ambika Rao (@AmbikaMRao) September 19, 2019
Strong ajjis? hope we stay fit at their age…
— Sketchy (@hindutraveler) September 20, 2019
Lovely initiative! ?
— RajyaShree (@Rajyash46631958) September 20, 2019
Very interesting
— Bindaas boy (@ASatyasankalp) September 20, 2019
इस इवेंट में भाग लेने वाले बुजुर्गों की लगभग एक जैसी कहानी थी। एक प्रतिभागी ने कहा कि इनमें से ज्यादातर को परिवार ने अकेले ही छोड़ दिया है। लेकिन इस तरह के इवेंट से इनकी जिंदगी में कुछ नया बदलाव देखने को मिलेगा।