धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है। कुबेर और लक्ष्मी मां के साथ इस दिन धन के देवता धनवन्तरी की पूजा करते हैं। धन के साथ स्वास्थ्य के साथ भी भगवान धनवन्तरी को जोड़ा जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति भगवान धन्वन्तरि की पूजा करता है तो उसकी किस्मत बदल जाती है। घर के कुछ खास हिस्सों की सफाई विशेष रूप से करने से भगवान धनवन्तरी प्रसन्न होते हैं। घर के उन हिस्सों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसकी सफाई करने से लक्ष्मी मां की कृपा और धन दौलत में वृद्धि होगी। चलिए जानते हैं-
साफ करें इन चार जगहों को
हर कोई दीपावली आने से पहले घर की अच्छे से सफाई करता है लेकिन क्या आप जानते हैं धनतेरस के दिन कुछ जगह होती हैं जिनकी सफाई जरूर करनी होती है। ईशान कोण जिसे घर का नॉर्थईस्ट जोन से भी जानते हैं। घर के पूर्व यानी ईस्ट जोन, घर के उत्तर दिशा यानी नॉर्थ जोन की सफाई जरूर करनी चाहिए। घर के ब्रह्म स्थान यानी बीचो बीच के सारे सामान को हटाकर साफ करना बहुत जरूरी माना जाता है।
छिड़काव करें गंगा जल का
गंगा जल एक बर्तन में लें उसके बाद उसे घर की उत्तर दिशा में छिड़कें। इसके अलावा घर की तिजोरी पर भी गंगा जल की कुछ बूंदें छिड़क दें। कहा जाता है कि श्री कुबेर के आगमन की तैयारी आप ऐसा करके कर रहे हैं।
झाड़ू न रखें सामने
जब भी आप घर की सफाई करते हैं तो उसके बाद झाड़ू को हमेशा छुपाकर और लिटाकर ही रखना चाहिए। कभी भी झाड़ू पर किसी की नजर नहीं पड़नी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि संपत्ति का विनाश खड़ी और उजागर झाड़ू कर देती है।
सफाई करें फिश एक्वेरियम की
कई लोगों के घर फिश एक्वेरियम होता है। बता दें कि धनतेरस के ही दिन फिश एक्वेरियम की सफाई करना अच्छा माना जाता है।
दीपक जरूर जलाएं धनतेरस के दिन
शास्त्रों में कहा गया है कि घर में पांच दीपक धनतेरस के दिन जरूर जलाने चाहिए। घर के मंदिर में, एक तुलसी, एक पानी के मटके और दरवाजे पर दो दीपक जलाने चाहिए। इसके साथ ही कुबेर के नाम के अलावा यमदेव के नाम का भी दीपक धनतेरस के दिन जलाना चाहिए।
ध्यान रखें कि आटे के एक चार मुंह वाला सफेद दीपक यम के लिए बनाना है। उसके अंदर सरसों का तेल डालकर चार बत्तियां जलाकर उसे घर के दक्षिण में रखना होता है। रोली, खील, फूल, कौड़ी और पैसे से पहले इस दीपक की पूजा करनी होती है उसके बाद उसे जलाना होता है।
बता दें कि धनतेरस के दिन यमदेव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। चार मुंह वाला ही यम का दीपक होता है। ऐसा इसलिए करते हैं ताकि चारों दिशाओं से आपको सुरक्षा मिल सके। लेकिन मुख पूर्व दिशा यानी ईस्ट की तरफ ही बाकी दीपक होने चाहिए।