गोवर्धन की पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है। गोवर्धन पूजा की शुरूआत भगवान श्री कृष्ण ने करी थी। प्रकृति के आधार के रूप में इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करी जाती है। वैसे इस दिन गाय की पूजा भी होती है। यदि आप भी गोवर्धन पूजा करते हैं और परिक्रमा पर जाते हैं तो आपको भी इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
1.गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन बंद कमरे में नहीं करें। इसके साथ ही गायों की पूजा करते समय ईष्टदेव या भगवान कृष्ण की पूजा करना नहीं भूलें।
2.इस खास दिन पर गंदे कपड़े पहनकर परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। इस वजह से इस दिन परिक्रमा करते समय साफ शुद्घ कपड़े पहनने चाहिए।
3.इस दिन परिवार के सभी लोग अलग-अलग होकर पूजा नहीं करें।
4.पूजा में मौजूद लोग काले रंग के कपड़े न पहनें। हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहने।
5.गोवर्धन पूजा के वक्त गाय,पौधों,जीव जंतु आदि को भूलकर भी न सताएं और न ही उन्हें कोई नुकसान पहुंचाए।
6.गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कभी भी अधूरी नहीं छोडऩी चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि परिक्रमा चप्पल पहन कर नहीं करनी चाहिए।
7.गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते वक्त धूम्रपान या किसी नशीली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए।