मां गंगा को मोक्षदायनी भी कहा जाता है। इस दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा सप्तमी का संबंध पवित्र मां गंगा से है। इस दिन लाखों लोग गंगा मे स्नान करते हैं। यही नहीं इस दिन लोग दान करके भी पुण्य कमाते है। इस दिन गंगा स्नान, तप ध्यान और दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि गंगा स्नान करने में कई लोग अंजाने में बड़ी गलतियां कर बैठते हैं इस खास दिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गंगा स्नान के समय हमेशा हमेशा नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके नहाएं।
गंगा में डुब्की लगाते समय ध्यान देना चाहिए कि कितनी डुब्की लगानी चाहिए शास्त्रों के मुताबिक गंगा ही नहीं, बल्कि किसी भी नदी में स्नान करते समय हमेशा 3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना शुभ होता है।
गंगा के पानी से स्नान करते सबसे पहले श्रद्धा और विश्वास के साथ मां गंगा को प्रणाम करें फिर स्नान करें इस समय मन में छल या कपट न रखें। मन को साफ रखें।
मां भागीरथी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान के बाद गंगा लहरी और गंगा स्त्रोत का पाठ जरुर करे। गंगा पूजन के बाद मां गंगा की आरती करना भी न भूलें।
गंगा में स्नान करते वक्त पाप धोने से ज्यादा मन का मैल धोने में विश्वास रखें।गंगा तट को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें।
गंगा सप्तमी 2022 शुभ मुहूर्त-
08 मई को गंगा सप्तमी का पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक है। पूजा का शुभ मुहूर्त 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगा।