घर में लगा हुआ आईना यदि सही दिशा में नहीं हो तो इससे रिश्तों में दरार आना और एक-दूसरे के प्रति मनमुटाव होने का मुख्य कारण बन सकता है,ऐसा वास्तु विज्ञान का मानना है। इतना ही नहीं वास्तु में यह भी बताया गया है दर्पण घर में ऊर्जा को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है,जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याएं भी पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं दंपत्ति के बीच दूरियां आना और तालमेल नहीं बैठ पाने जैसे परेशानियां भी हो सकती हैं। जी हां अगर घर में सही दिशा और स्थान पर आईना ना लगा हो तो आपको और भी काफी सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
1.वैचारिक मतभेद की स्थिति
हमेशा ध्यान रखें आपको आईना दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में आईना लगाने से अपनों से वैचारिक मतभेद की स्थिति पैदा होती है। इसके अलावा संबंधों में भी ज्यादा वाद-विवाद होने लगता है। इसलिए भूल से भी इस दिशा में शीशा नहीं लगाएं।
2.कानूनी विवाद का डर
आईने को उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाने से भी अपना बचाव करें। क्योंकि इस दिशा में लगा हुआ शीशा परिवार में कानूनी विवाद को बढ़ा सकता है। इसके अलावा बेवजह दुश्मनी की स्थितियां पैदा होने लगती है। इस दौरान महिला सदस्यों को भी रोजाना किसी न किसी पेरशानी से जूझना पड़ता है और उनके गैर जरूरी खर्च भी होते हैं।
3.शादीशुदा लोगों के लिए यहां दर्पण अच्छा नहीं
वास्तु के मुताबिक सोते समय यदि बेड से आईना नजर आए तो इसे अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह दांपत्य जीवन के लिए बेकार होता है। इतना ही नहीं इससे स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है साथ ही रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं। यदि बेड रूम में आईना रखना भी हो तो इसे आप ऐसे रखें ताकि सोते समय आपको उसमें कुछ नजर आ सके। क्योंकि फिर इससे दोष नहीं लगता।
4.गलती से भी इस जगह नहीं लगाएं दर्पण
घर में मुख्य द्वारा से प्रेवश करते ही आईना ठीक सामने लगा हो तो इसे फौरन हटा दें। क्योंकि यही परिवार में लड़ाई-झगड़े को बढ़ाता है। वहीं इसके चलते परिवार के लोगों को ज्यादातर अपना समय भागते-दौड़ते ही बिताना पड़ जाता है। वैसे ये मानसिक और शारीरिक कष्टों को भी बढा देता है।
5.तुरंत हटा दें ऐसा आईना
यदि घर में लगा हुआ आईना धुंधला हो गया या फिर कहीं से टूट गया तो उसे फौरन हटा देना चाहिए। वर्ना ये आपकी जिंदगी की सुख-शंति को भंग कर देगा।
इसके अलावा आपको एक के बाद एक तकलीफ का सामना भी करना पड़ सकता है। इससे आपको धन का अभाव भी हो सकता है। वहीं फैमिली के बीच एक-दूसरे के प्रति स्नेह कम होने लगता है।