वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है और अगर दिशाएं सही हों तो व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है, सभी कार्य सफल होते हैं और घर में बरकत भी आती है।वास्तु शास्त्र के जरिए केवल घर-मकान से जुड़े दोष या स्थान और दिशा से जुड़ी दिक्कतों का ही हल नहीं होता बल्कि इंसान की रोजाना की दिनचर्या पर भी वास्तु का प्रभाव पड़ता है। वास्तु जीवन में आने वाले संकटों को भी दूर करने में मदद करता है।
वास्तु के अनुसार यदि हम भोजन करते समय भी दिशाओं का ध्यान रखें, तो हम कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। इसके और भी कई लाभ हो सकते हैं। इसलिए भोजन करते समय दिशाओं का ध्यान ज़रूर रखें।
पूर्व दिशा--पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके भोजन करने से रोग और मानसिक तनाव दूर होता है। जो व्यक्ति या परिवार के जो बुजुर्ग अक्सर बीमार रहते हैं, ख़ासकर उन्हें पूर्व दिशा में बैठकर ही भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें स्वास्थ्य लाभ होगा।
पश्चिम दिशा-वास्तु शास्त्र में भोजन करने के लिए पश्चिम दिशा भी अच्छी मानी गई है। व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों के लिए इस दिशा में अगर बैठकर भोजन करना अच्छा होता है।
उत्तर दिशा को भी देव दिशा माना जाता है। ऐसे में इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से घर में रुपये पैसों की कमी नहीं होती है। घर के मुखिया और विद्यार्थियों को विशेष तौर पर उत्तर दिशा में ही मुंह करके भोजन करना चाहिए। इससे लाभ होता है।
दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिशा की तरफ मुंह करके खाना खाने से दरिद्रता और कंगाली का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि ये दिशा पितरों की दिशा होती है, इसलिए इस दिशा में खाना बनाने या खाने की सलाह नहीं दी जाती है।