रुद्रपुर : स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू कराने के लिए शिक्षा विभाग एक्शन में हैं। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में निकली टीम ने शहर के कई स्कूलों में छापेमारी की और छापेमारी के दौरान सभी स्कूलों में टीम को खामियां मिली। टीम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं की गई तो अवमानना करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। बता दें कि बीते दिनों भी टीम ने ऐसी ही छापेमारी मुख्य शिक्षा अधिकारी डा.पीएन सिंह के नेतृत्व में की थी। जबकि छापेमारी की शुरुआत जेसीस पब्लिक स्कूल से की गई। जिसका नेतृत्व जिला शिक्षा अधिकारी रवि मेहता कर रहे थे। जेसीस में एनसीईआरटी की किताबों को पूरी तरह लागू नहीं किया गया था।
स्कूल प्रबंधन ने टीम को बताया कि उन्होंने एनसीईआरटी की केवल तीन किताबें ही स्कूल में लागू की हैं, जबकि अन्य किताबें स्कूल अपनी मर्जी की पढ़ा रहे हैं। खैर, टीम ने स्कूल प्रबंधन को सख्त हिदायत दी है कि वह एनसीआरटी की किताबें ही लागू करें। यहां से निकली टीम ने रैनबो स्कूल में छापेमारी की। यह भी स्थिति जस की तस थी। स्कूल पहुंचे कुुछ अभिभावक भी इसी बात से परेशान थे कि वह एनसीईआरटी की किताबें खरीदें या कोई और। टीम ने शहर के अन्य स्कूलों में भी छापेमारी कर एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने को कहा है।
छापेमारी के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी रवि मेहता स्कूलों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि वह अभिभावकों पर इस बात का दबाव नहीं बनाएंगे कि अभिभावक को किसी एक चिह्नित दुकान से ही किताब लेनी है। बल्कि अभिभावक इस बात के लिए स्वतंत्र होगा कि वह कहीं से किताबें खरीद सकता है। दरअसल, स्कूल प्रबंधन यह दबाव सिर्फ इसलिए बनाते हैं क्योंकि इसके पीछे कमीशन का तगड़ा खेल चलता है। अब शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद कमीशन का यह खेल रुकता दिखाई दे रहा है। जिसकी वजह से स्कूल प्रबंधकों में खलबली मची हुई है।
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