धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 25 अक्टबूर को है। इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथान से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। वही थे जिन्होंने देवताओं को अमृतपान करवाया था। धनतेरस के दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्घि बनी होती है।
1.धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घाट,गौशाला,बावड़ी,कुआं,मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिए जलाएं जाते हैं। धन की वृद्घि के लिए इस दिन शाम के समय 13 दीपक जलाएं। इसके साथ ही तिजोरी में कुबेर भगवान की पूजा करें।
2.कुबेर भगवान को प्रसन्न करने के लिए ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
3.धनतेरस के दिन यम को याद करना अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही शाम के वक्त यम के नाम का एक दीया जलाएं। इससे अकाल मृत्यु का डर नहीं होगा।
4.पैसों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए धनतेरस के दिन सूरज ढलने के बाद तेल का दिया जलाएं और उसमें 13 कौडिय़ां रखकर मां लक्ष्मी और धनकुबेर की पूजा करें। इसके अलग दिन यानी छोटी दिवाली के दिन उन कौडिय़ों को निकालकर घर के कोने में गाड़ दें।
5.धन की वृद्घि के लिए धनतेरस के दिन एक हल्दी की गांठ लें और इसे लाल कपड़े में बांधकर पूजा करने वाली जगह पर रख दें और जब दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा करनें तब उसे खोलकर कलावे में बांध कर तिजोरी में रखें।
6.धनतेरस के खास दिन पर माता लक्ष्मी को कौडिय़ां चढ़ाने और कमल गट्टे की माला अर्पण करने से भी सभी काम बन जाते हैं।
7.धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र खरीदना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। दुकान या व्यापार क्षेत्र में इस यंत्र को रखने से तरक्की होती है।
8.ऐसे लोग जिनके पास चाह कर भी धन नहीं टिक पाता है। उन्हें ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा ‘मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
9.धनतेरस की शाम को चांदी के सिक्कों पर केसर और हल्दी का तिलक लगाएं। अब इन्हें धनवंतरी भगवान के आगे रख दें। पूजा के बाद इन सिक्कों को अपने घर की तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्घि का वास होता है।