घातक कोरोना वायरस का कहर अब दुनियाभर में तेजी बढ़ रहा है जहां एक ओर कोरोना के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए लोग तरह-तरह के प्रयास करने में जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं लोग कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए लड़ रहे हैं और खुद को लॉकडाउन कर घरों में कैद किया हुआ है।
तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर आए दिन कोई ना कोई झूठी तस्वीर वायरल हो रही है इतना ही नहीं इंटरनेट पर कोरोना वायरस से जुड़ी कुछ फोटोस वायरल करके झूठे दावे किए जा रहे हैं लेकिन आपको बता दें कि इन सभी तस्वीरों को सच मान लेने से पहले आपके लिए बेहतर होगा कि आप इन वायरल तस्वीरों के पीछे की सच्चाई को एक बार जरूर जान लें।
कोविड-19 की दवा
दावा: कोविड-19 की दवाई मिल गई है।
सच्चाई: यह कोई कोरोना वायरस की दवाई नहीं बल्कि एक जांच किट है।
एक डॉक्टर कपल की मौत
दावा: एक डॉक्टर कपल जो कोरोना वायरस के 134 पीड़ितों का इलाज करने के बाद खुद इस संक्रमण की चपेट में आ गए।
सच्चाई: यह तस्वीर किसी डॉक्टर कपल कि नहीं बल्कि यह वायरल तस्वीर एयरपोर्ट पर एक प्रेमी जोड़े की है।
इटली शहर की कई लाशों वाली तस्वीर
दावा: कोरोना वायरस की वजह से इटली की सड़कों पर इस बीमारी से मरे लोगों की लाशें सड़कों पर पड़ी मिली ऐसे में कोरोना के खौफ से बचने के लिए इनके परिवार के लोगों ने उनका अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया।
सच्चाई: यह फोटो कोई कोरोना से मरे पीड़ितों की नहीं बल्कि 2011 में रिलीज हुई एक इंग्लिश फिल्म कांटेजिअन का एक दृश्य है।
500 शेर रूस की सड़कों पर
दावा:बताया जा रहा है रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने लॉकडाउन के दौरान रूस की सड़कों पर करीब 500 शेरों को छोड़ने का आदेश दिया है।
सच्चाई: जबकि यह फोटो एक फिल्म का सीन है।
कोरोना का इलाज जंतु विज्ञान की किताब में
दावा:डॉ रमेश गुप्ता की किताब जंतु विज्ञान में कोरोना वायरस के इलाज का जिक्र किया गया है।
सच्चाई: जंतु विज्ञान की किताब में कोरोना का कोई इलाज नहीं है और यह सरासर झूठ है।
जिओ का 489 वाला फ्री रिचार्ज
दावा: खबर थी कोरोना वायरस की इस मुश्किल घड़ी में जिओ कंपनी द्वारा अपने यूजर्स के लिए 489 का फ्री रिचार्ज का ऐलान किया गया।
सच्चाई: बता दें कि जिओ कंपनी की तरफ से अब तक 489 वाली फ्री रिचार्ज की कोई पुष्टि नहीं की गई है।
इटली की ताबूत वाली फोटो
दावा: कोरोना वायरस से मरने वालों की लाश इटली के बहुत सारे ताबूत में रखी गई लेकिन इनके परिवार वाले नहीं ले कर गए।
सच्चाई: इस तस्वीर का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि वायरल हो रही है तस्वीर 7 साल पुराने एक हादसे की है।