फाल्गुन अमावस्या 23 फरवरी रविवार यानी आज है। फाल्गुन महीने में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या भी कहते हैं। पितरों का तर्पण करने के लिए फाल्गुन अमावस्या बहुत खास मानी गई है। फाल्गुन अमावस्या की तिथि इस बार 22 फरवरी शाम 7ः04ः19 बजे से 23 फरवरी रात 9ः03ः12 बजे तक रहेगी।
फाल्गुन अमावस्या की तिथि को धार्मिक शास्त्रों,कथाओं और पुराणों में बहुत खास माना है। शास्त्रों के मुताबिक,नकारात्मक शक्तियों का अभाव अमावस्या के दिन बहुत होता है। साथ ही मन में भी ख्याल बुरे आते हैं। कई ऐसे काम होते हैं जो फाल्गुन अमावस्या के दिन नहीं करने होते। चलिए आपको बताते हैं कि कौन से काम फाल्गुन अमावस्या के दिन नहीं करने चाहिए।
व्यक्ति को देर तक फाल्गुन अमावस्या के दिन नहीं सोना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रातःकाल सूर्योदय से पहले अमावस्या के दिन उठना चाहिए।
अमावस्या के दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मसाले,मांस, मदिरा का प्रयोग घर में नहीं करें। सात्विक भोजन इस दिन खाना चाहिए।
ऐसा कहा गया है कि किसी भी तरह के नमक का सेवन अमावस्या के दिन करने की मनाही होती है। इस दिन व्रत रखना चाहिए।
किसी भी दूसरे के घर का अनाज अमावस्या के दिन न खाएं। अपने ही घर का भोजन इस दिन खाएं।
घर के किसी भी कोने में अमावस्या के दिन अंधेरा नहीं रखें। घर के सभी कमरों में रोशनी शाम होते ही कर दें। इससे घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं आती।
पितरों का तर्पण फाल्गुन माह की अमावस्या के दिन करा जाता है। किसी भी भिक्षा वाले को इस दिन घर के दरवाजे से खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
काले रंग के कपड़े इस दिन नहीं पहनने होते। हल्के रंग के कपड़े इस दिन प्रातःकाल स्नान करके पहन लें।