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सूने शहरों में बेजुबानों पर कोरोना का कहर,भूख से तड़पकर मौत के मुंह में जा पहुंचे चार बन्दर

कोरोना वायरस का कोहरम अब केवल इंसानों में ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवरों पर भी दिखाई देने लगा है।

कोरोना वायरस का कोहरम अब केवल इंसानों में ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवरों पर भी दिखाई देने लगा है। पीएम मोदी के देशभर में लॉकडाउन की अपील कर देने के बाद से लोग जहां घरों के अंदर कैद होकर बैठ गए हैं तो एक ओर जैसे मानों बेजुबान जानवरों को खाना मिलना भी बंद हो गया है। हाल ही में फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ऐसे ही भूख से तड़पकर चार बंदरों की मौत हो गई है। 
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दरअसल बंदरों की मौत हो जानें की खबर मिलते ही स्टेशन के पास ही रहने वाले कुछ लोगों ने इन चारों बंदरों का अंतिम संस्कार किया है। इसके  अलावा स्टेशन पर जीवित बचे हुए बंदरों को खाना का सामान भी दिया। वैसे आम दिनों के मुकाबले फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर बंदर बहुत काम संख्या में देखने को मिली। बता दें कि बाकी दिनों में स्टेशन के वेंडरों और यात्रियों के द्वारा दिए गए सामान की वजह से इन बंदरों का पेट भरता है। 
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कोरोना संक्रमण के खौफ के चलते एंव देशभर में लॉकडाउन हो जाने पर पिछले दिनों से सभी रेलवे सेवा बंद है,जिस वजह से रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में इन बंदरों को कुछ खाने को नसीब नहीं हो पा रहा है। 
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यात्रियों के अलावा कुछ अन्य धार्मिक प्रवृति के लोग इन बंदरों को हफ्ते में एक या देा दिन चना और केला खिलाने भी स्टेशन आते थे। लेेकिन अब हालात ऐसे हैं कि वो अपने घर में कैद हो रखें हैं,जिस वजह से जनता कफ्र्यू वाले दिन से ही स्टेशन पर मौजूद बंदरों को कुछ खाने को नसीब नहीं हो पाया है। 
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स्टेशन के पास में ही रहने वाले एक शख्स ने बताया है कि रेला सेवा बंद होने के बाद से इन बंदरों को कुछ खाने को नहीं मिल पा रहा है। जब उन्हें भूख से बंदरों की मौत हो जानें के बारे में मालूम हुआ तब वह अपने साथियों के साथ मिलकर मृत पड़े बंदरों का अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे। 
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उन्होंने आगे यह भी बताया कि बाकी बंदरों की भी हालत काफ ी नाजुक है। बंदरों की दयनीय हालत देखते हुए उन्हें तभी केले खाने को दिए गए। इसके अलावा बीस दर्जन केले और स्टेशन परिसर में जगह-जगहर रखवा दिए हैं।

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