2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जाएगी। फादर ऑफ नेशन के नाम से भी हम महात्मा गांधी को जानते हैं। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और उनका जन्म 2 अक्टूबर 1896 को हुआ था। करमचंद उत्तमंचद गांधी उनके पिता का नाम था और वह पोरबंदर के दीवाने थे। ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ गांधी जी ने पहला सत्याग्रह अभियान चलाया था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में महात्मा गांधी साल 1920 में शामिल हुए थे। वहीं ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत की आजादी का ऐलान गांधीजी ने 26 जनवरी 1930 को की थी। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन जैसे बड़े आंदोलन गांधी जी ने 1917 में चलाए थे। यही आंदोलन थे जिनकी बदौलत ब्रिटिश राज से भारत को आजादी मिली थी। हम आपको गांधी जी के कुछ आंदोलन के बारे में बताने जा रहे हैं।
चंपारण सत्याग्रह
महात्मा गांधी के नेतृत्व में पहला सत्याग्रह बिहार के चंपारण में किया गया था। गांधी जी साल 1917 में बिहार के चंपारण गए थे और वहां पर खाद्यान के बजाय किसानों को नील एवं अन्य नकदी फसलों के लिए बाध्य किया जा रहा था उनके ही समर्थन में गांधी जी ने यह सत्याग्रह चलाया था।
असहयोग आंदोलन
महात्मा गांधी को रॉलेट सत्याग्रह में सफलता मिल गई थी। जिसके बाद उन्होंने असहयोग आंदोलन शुरु किया। यह आंदोलन 1 अगस्त 1920 को शुरु हुआ था और इसके तहत ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ असहयोग जताने के लिए लोगों ने अपील की थी। इस आंदोलन में स्कूल, कॉलेज, न्यायालय न जाएं और न ही कर चुकाएं ये सारी चीजें लोगों को करने के लिए कहा गया था।
नमक सत्याग्रह
दांडी सत्याग्रह के नाम से भी दांडी आंदोलन को जाना जाता है। नमक पर एकाधिकार ब्रिटिश हुकूमत ने कर दिया था जिसके बाद 12 मार्च 1930 को 24 दिनों का पैदल मार्च अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक गांधी जी ने निकाला था।
दलित आंदोलन
अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना गांधी जी ने 1932 में की थी। उसके बाद छुआछूत विरोधी आंदोलन गांधी जी ने 8 मई 1933 को शुरु किया था। साप्ताहिक पत्र हरिजन के नाम से प्रकाशित की थी और हरिजन आंदोलन की शुरुआत करते हुए गांधी जी ने 21 दिनों तक उपवास रखा था।
भारत छोड़ो आंदोलन
गांधी जी ने तीसरा सबसे बड़ा आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन शुरु किया था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी 8 अगस्त 1942 को बंबई में सत्र हुआ था उसमें गांधी जी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया था। इस आंदोलन के बाद गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन उसके बाद भी युवा कार्यकर्ता हड़तालों पर और तोड़फोड़ करते रहे और आंदोलन को जारी रखा।