हनुमान जी का जन्मोत्सव इस बार 8 अप्रैल बुधवार को मनाया जा रहा है। हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र महीने की पूर्णिमा को हर साल मनाया जाता है। हिंदू शास्त्र के मुताबिक हनुमान जी ने मां अंजनी की कोख से जन्म त्रेता युग में चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन लिया था। चलिए आपको देवताओं द्वारा हनुमान जी को दिए 8 वरदानों के बारे में बताते हैं।
अपने तेज का सौवां भाग सूर्य भगवान ने दिया था
हनुमान जी को अपने तेज का सौवां भाग सूर्य देव ने दिया था। इसके अलावा सूर्य देव ने ही हनुमान जी को शास्त्रों का ज्ञान दिया था। हनुमान जी ने शिक्षा प्राप्त सूर्य देव से ही की थी। ये वरदान सूर्य देव ने हनुमान जी को देते हुए कहा था कि किसी को भी शास्त्रों का ज्ञान हनुमान जी के समान और किसी को नहीं होगा।
वरदान दिया गया यमराज द्वारा
हनुमान जी को यह वरदान धर्मराज यमराज ने दिया था कि मेरे दंड से सदैव हनुमान जी दूर रहेंगे।
वरदान कुबेर का
यह वरदान हनुमान जी को कुबेर ने दिया थ और कहा कि कोई भी युद्ध में हनुुमान जी को नहीं हरा पाएगा।
आशिर्वाद भगवान शंकर का
भगवान शंकर का ही अवतार हनुमान जी हैं। हनुमान जी को यह आशिर्वाद भगवान शंकर ने दिया कि आप पर कोई असर मेरे अस्त्रों और शस्त्रों का नहीं होगा।
विश्वकर्मा का वरदान
यह वरदान हनुमान जी को विश्वकर्मा ने दिया था कि अस्त्र और शस्त्र जितने भी मेरे बनाएं हैं हनुमान जी पर उनका असर नहीं होगा।
देवराज इंद्र का वरदान
यह वरदान हनुमान जी को देवराज इंद्र ने दिया था कि हनुमान जी पर कोई असर मेरे वज्र का नहीं होगा।
जलदेवता वरुण का वरदान
हनुमान जी को यह वरदान जलदेवता वरुण ने दिया था कि जल कभी भी हनुमान जी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। हनुमान जी के समक्ष क्षीण समुद्र की बड़ी से बड़ी लहरे भी हो जाएंगी।
ब्रह्मा जी का वरदान
यह वरदान हनुमान जी को ब्रह्मदेव जी ने दिया था कि ब्रह्म कें दंडों से हनुमान जी से सदैव दूर रहेंगे। जैसा रूप धारण करना हनुमान जी चाहेंगे वैसा कर लेंगे और इनका पूरा नियंत्रण अपनी इच्छानुसार गती पर होगा।