हिंदू धर्म में हर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना प्रत्येक दिन बताया गया है। इसी प्रकार से हनुमान जी की पूजा का विधान मंगलवार का दिन माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की पूजा के दौरान सावधानी बरतनी बेहद जरूरी होती है। कहा जाता है कि धन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए बड़ के पेड़ के एक पत्ते को मंगलवार की सुबह गंगा जल से धोकर बजरंगबली को चढ़ाना चाहिए।
कुछ मंत्रों का जाप भी करने से हनुमान जी अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं साथ ही लाभकारी और कल्याणकारी भी होता है। चलिए हनुमान जी के कुछ मंत्रों के बारे में आज हम आपको बताते हैं। जीवन में सुख समृद्धि इन मंत्रों के जप से आती है।
बजरंगबली के मंत्र
1.हनुमान बीच मंत्रः ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:।
मान्यताओं के मुताबिक जीवन की हर समस्या का समाधान इस मंत्र के जप से मिलता है साथ ही व्यक्ति की हर मनोकामना भी पूर्ण होती है।
2. हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र: ‘नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा।’
हनुमान जी के इस मंत्र को चमत्कारी कहा जाता है। धन-संपदा की वृद्धि इस मंत्र के जप से होती है। इसके अलावा घर में खुशहाली इससे आती है साथ ही किसी भी तरह की हानि नहीं होती।
3. हनुमान मंत्र:
ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
ऊँ पवन नन्दनाय स्वाहा।
हनुमान जी के इन तीनों मंत्रों में से एक किसी भी मंत्र का जप 11 माला में करने से सिद्धि की प्राप्ति होती है।
4.हनुमान जी के ये मंत्र हैं मनोकामना पूर्ति के लिए
मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहमं। दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशम्। रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातम् नमामि।।
5.बजरंगबली के यह मंत्र प्रसिद्ध के लिए होते हैं। व्यक्ति के रोग, शत्रु,भय और सारी नकारात्मकता इन मंत्रों का जप करने से दूर हो जाती हैं।
ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
इन बातों का जरूर ख्याल हनुमान जी की पूजा के समय रखें
हनुमान जी को तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर उसका लेप बजरंगबली को लगाएं। कमल,गेंदे, सूरजमुखी के फूल हनुमान जी को समर्पित करें। हनुमान जी को चंदन को केसर में मिलाकर लगाएं। इन मंत्रों का जाप हनुमान जी की मूर्ति के नेत्रों में देखकर करें। ध्यान रहे ब्रह्मचर्य का पालन हनुमान जी की पूजा के दौरान व्यक्ति को करना होता है।
नोट: ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है। पंजाबकेसरी.कॉम ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता है।