इस साल 21 अगस्त शुक्रवार को हरितालिका तीज का पर्व पड़ रहा है। अपने पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना इस दिन करने से मिलता है।
ऐसा कहते हैं कि कुंवारी कन्याएं भी इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। कुछ नियमों का पालन व्रत करने के दौरान करना चाहिए। इन नियमों को महिलाएं कई बार नजरअंदाज कर देती हैं। इस वजह से व्रत का फल उन्हें नहीं मिलता है। चलिए उन नियम के बारे में बताते हैं।
जो महिलाएं तीज का व्रत रखती हैं उन्हें इस दिन गुस्सा नहीं करना होता। मान्यता है कि अपने हाथों में मेंहदी गुस्से को शांत रखने के लिए महिलाएं लगाती हैं। इससे मन शांत होता है।
तीज का व्रत जो महिलाएं रखती हैं वह इस दिन रात को न सोएं। महिलाओं के साथ पूरी रात जाकर भजन कीर्तन मिलकर करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात की नींद जो महिला लेती हैं वह अजगर के रूप में अगले जन्म में जन्म लेती हैं।
भूल से भी किसी तरह से नुकसान घर के बुजुर्गों को इस दिन नहीं पहुंचाना होता। साथ ही दुख भी नहीं देना होता। जो लोग ऐसा काम करते हैं उन्हें अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
ये है हरितालिका तीज का शुभ मुहूर्त
21 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से तृतीया तिथि आरंभ होगी जबकि 21 अगस्त को सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर तृतीया तिथि समाप्त होगी। 5 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक प्रातःकाल में पूजा का मुहूर्त है और 6 बजकर 54 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक प्रदोषकाल (संध्या समय) में पूजा का मुहूर्त है।
ये है हरतालिका तीज की पौराणिक कथा
हरतालिका शब्द हरत और आलिका दो शब्दों से मिलकर बना है। हरत का अर्थ है अपहरण और आलिका अर्थ है सहेली। एक पौराणिक कथा का संबंध इससे मिलता है जिसमें बताया गया है कि पार्वती जी की सखियां जंगल में उनका अपहरण करके ले गई थी।
ऐसा इसलिए किया था कि उनका विवाह इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से पार्वती जी के पिता न कर दें। अगर कोई महिला रात में दूध पी लेती है निर्जला व्रत के दौरान तो पुराणों के अनुसार उसका सर्प का अगला जन्म होता है।