एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए लोग ज्यादातर अपनी गाड़ियों के अलावा पब्लिक बस या रेल का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर दूर जाने के लिए तो लोग भारतीय रेल को सबसे अच्छा और सस्ता साधन समझते है। हर दिन रेल में हजारों लोग सफर करते है और एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। देखा जाए तो रेल ने हमारी लाइफ को काफी आसान बनाया है।
हर प्रदेश में रेलवे स्टेशन मौजूद होता है जहां से लोग रेल पकड़ते है और उतरते हैं। मगर आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पिछले 42 सालों से एक भी ट्रेन नहीं रुकी है। इस स्टेशन पर भूत के खौफ से कोई भी ट्रेन नहीं रुकती है लोगों का मानना है कि इस रेलवे स्टेशन पर भूत रहते हैं इसलिए ट्रेन सालों से बंद पड़ा है।
ये स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आता है। साल 1960 में खुले इस स्टेशन का नाम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन है। भूत के खौफ की वजह से इस स्टेशन को 42 साल तक बंद रखा गया। यहां काम करने वाले कर्मचारी शाम होते ही घर भाग जाते थे, उनका दावा था कि यहां पर भूत रहते हैं। खुलने के 7 सालों तक ये स्टेशन आराम से चला था।
हालांकि 7 साल बाद इस स्टेशन पर कुछ अजीबों-गरीब घटनाएं होनी शुरु हो गई। इस बीच साल 1967 में बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन के एक कर्मचारी ने दावा किया था कि उसने स्टेशन पर चुड़ैल देखी थी। कर्मचारी का कहना था कि एक चुड़ैल सफेद साड़ी पहने इस स्टेशन पर नाचती है। चुड़ैल के बारे में बताने के बाद उसकी कर्मचारी की कुछ दिनो बाद ही उस स्टेशन पर मौत हो गई थी।
असली परेशानी तो तब शुरू हुई जब उस वक्त के बेगुनकोडोर के स्टेशन मास्टर और उनका परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया। यहां रहने वाले लोगों का दावा था कि इन मौतों में उसी भूत का हाथ था। इस मौत के बाद लोगों में इतना ज्यादा डर बैठ गया था कि शाम होते ही इस इलाके में आसपास रहने वाले लोग रेलवे स्टेशन के पास जाने से कतराने लगे थे। इन घटनाओं के बाद से ही इसे भूतिया रेलवे स्टेशन कहा जाने लगा। और ये रेलवे के रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया।
कहते हैं कि जब भी किसी रेलवे कर्मचारी की बेगुनकोडोर स्टेशन पर पोस्टिंग होती, वो तुरंत ही यहां आने से मना कर देता। धीरे-धीरे पूरा का पूरा स्टेशन ही सूनसान हो गया। भूतिया रेलवे स्टेशन को लेकर कुछ लोगों का दावा था कि ट्रेन यहां से गुजरती है तो उसके पीछे महिला का भूत साथ में दौड़ने लगता है। स्टेशन पर आने से लोग इस कदर डरने लगे कि 42 साल तक स्टेशन ही बंद कर दिया। यहां पर 42 सालों तक कोई भी ट्रेन नहीं रुकी।
जानकारी के लिए बता दें कि 42 साल के बाद यानी साल 2009 में गांववालों के कहने पर तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर इस स्टेशन को खुलवाया। तब से लेकर अब तक इस स्टेशन पर किसी भूत के देखे जाने का दावा तो नहीं किया गया है, लेकिन अभी भी लोग सूरज ढलने के बाद स्टेशन पर रुकते नहीं हैं। फिलहाल इस रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेनें रुकती हैं।