प्यार का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है, जब और जिससे होना होता है वो हो ही जाता है। ना ही इश्क करने की कोई उम्र होती है। जब प्यार सच्चा हो तो हर दीवार को तोड़ने की हिम्मत आ ही जाती है। फिर चाहे वो दीवार उम्र की तो या जात-पात की या फिर मजहब की ही क्यों ना हो। अपने प्यार को पाने के लिए लोग धर्म की दीवार को तोड़कर अपने पार्टनर को पाने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर से सामने आया है। जहां एक मुस्लिम लड़की ने घर परिवार को छोड़कर अपने हिंदू प्रेमी के साथ मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी की। इस अनोखी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है। इस शादी में दोनों परिवारवालों की बजाय विहिप के सदस्य साक्षी बने और दोनों लोगों को सुखी दांपत्य जीवन बिताने का आशीर्वाद दिया।
दरअसल, रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के बिसेसर की रहने वाली मुस्लिम युवती रूबिया का करीब दो सालों से थानगांव थाना क्षेत्र के मेउडी सेवलिया के रहने वाले हिंदू युवक प्रदीप यादव से प्रेम प्रसंग चला आ रहा था मगर रूबिया का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था, मगर लड़की प्रदीप से ही शादी करने पर अड़ी थी। रूबिया और प्रदीप की शादी में हो रही दिक्कत के बारे में विश्व हिंदू परिषद को जानकारी मिली।
इसके बाद विहिप के लोग रुबिया के गांव पहुंच गए और वहीं पर जाकर एक मंदिर में रूबिया और प्रदीप ने विहिप सदस्यों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिए। शादी होने के बाद रूबिया ने अपना नाम बदल कर रजनी रख लिया। रूबिया ने प्रदीप से शादी कर ली और इस शादी में वधू पक्ष से कोई भी शामिल नहीं हुआ और उन्होंने अपनी बेटी से सारे रिश्ते तोड़ दिए।