क्या आपने कभी यह सोचा है कि शिशु गर्भ में क्या करता है और कैसे वह छोटा सा शिशु गर्भ में ही जीवित रहता है। कैसे जो आप खाना खाते हैं वह खाना शिशु तक कैसे पहुंचता है। वह जिस दुनिया में सांस ले रहा है उसके आस-पास का माहौल कैसा है। क्या करता है तो आइए जानते हैं वह कौन से ऐसे तीन हमारे शरीर में पाट्र्स है जो शिशु को उस दुर्लभ दुनिया में जीवित रहने में सहायता करते हैं।
1.प्लेसेंटा
यह गर्भाशय की दीवार से जुड़ा रहता है। जो शिशु को पोषक तत्व खून वह ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। यह प्रेगनेंसी हारमोंस को रिलीज करता है। यह वेस्ट प्रोडक्ट को अंदर से बाहर निकालता है। जिससे शिशु अंदर स्वस्थ रुप से विकसित हो सकें प्लेसेंटा की सही पोजीशन होना अत्यंत आवश्यक है। वरना premature डिलीवरी की संभावना अधिक हो जाती हैं ।
2.गर्भनाल
यह एक प्लेसेंटा से जुड़ी होती है। दूसरे सिरे से शुरु से इसकी लंबाई करीब 50 सेंटीमीटर तक हो सकती है। जिसे शिशु आसानी से बिल्कुल स्वस्थ रहे। शिशु जन्म के बाद में इसे कट कर दी जाती है। वह बच्चा हुआ सीसा शिशु के नाभि से जुड़ा रहता है। यह ऐसा कुछ दिन बाद सुख कर खुद से गिर जाता है। आप इस से ज्यादा छेड़छाड़ ना करें ।
3.अमनियोटिक फ्लूइड
इस सेक्शन में शिशु बिल्कुल सुरक्षित रहता है। वह सेक्शन में मौजूद फ्लूइड मैं शिशु अपने आश्चर्यचकित करतब दिखाता है । इस सेक्शन में शिशु को बाहरी झटके और दबाव नहीं लगते हैं। गर्भावस्था में इसकी सही मात्रा का होना बहुत जरूरी है।कई बार water break हो जाता है जो प्रसव का संकेत है। असल में water break का अर्थ है इस amniotic saction से amniotic fluid का बाहर निकलना ऐसा होने पर आपको हॉस्पिटल जाना चाहिए।