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स्कूल बस संचालकों पर कसेगा शिकंजा

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भोपाल : स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के परिवहन में उपयोग में आने वाले वाहनों के मापदण्ड के अनुरूप संचालन में पालकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये संस्था स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिये हैं। इस संबंध में जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर विस्तृत निर्देश दिये गये हैं।

पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक संस्था में स्कूल वाहन के संचालन के लिये गठित समिति के संयोजक संस्था के प्राचार्य होंगे। समिति में जिला शिक्षाधिकारी अथवा उनके नामांकित प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। यह नामांकित व्यक्ति व्याख्याता स्तर से नीचे का नहीं होगा। समिति में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अथवा उनके द्वारा परिवहन निरीक्षक स्तर का नामांकित प्रतिनिधि सदस्य के रूप में मनोनीत किया जायेगा।

इसके अलावा समिति में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस और प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक सेक्शन से न्यूनतम एक पालक को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति की बैठक कम से कम 3 माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल बसों के संचालन के संबंध में मान्यता नियम का पालन न करने पर शालाओं की मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही तत्काल की जाये। इसके साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई अथवा अन्य बोर्ड से संबंधित शालाओं की संबद्धता के लिये राज्य शासन द्वारा जारी किये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

निर्देशों में कहा गया है कि यह समिति बच्चों के परिवहन के लिये लगे स्कूली बसों की जानकारी उनके मानकों और गुणवत्ता के बारे रखेगी। इसके अलावा वाहनों में बच्चों की अधिकतम संख्या, स्कूल वाहन परिसर के अंदर तक आने की व्यवस्था और सीट बेल्ट सहित अन्य सुरक्षा मानकों की व्यवस्था के बारे में भी समिति जानकारी देगी।

स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देशों में कहा है कि वाहन चालकों के ड्रायविंग टेस्ट और प्रशिक्षण के संबंध में भी प्रत्येक जिले में अभियान चलाया जाये। साथ ही पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की गई है कि वे जिले में स्कूल वाहनों के निरीक्षण के संबंध में नियमित रूप से प्रभावी कार्यवाही करते रहें।

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