दिन पर दिन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार से मरने वालों बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसी बीच जिले के श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल के परिसर से मानव कंकाल मिलने की सूचना मिली है। ये कंकाल अस्पताल परिसर में कहां से आया इसका जवाब दूर से दूर तक भी किसी के पास नहीं है।
ये वो ही अस्पताल है जहां पर चमकी बुखार के इलाज के दौरान करीब 108 बच्चों की मौत हुई है। इस अस्पातल में अभी भी चमकी बुखार से पीडि़त बच्चों को लाया जा रहा है। लेकिन अस्पताल परिसर में कंकाल मिलने से लोगों का भरोसा अस्पताल से उठता दिखाई दे रहा है।
इस पूरे मामले पर एएनआई से बातचीत करते हुए अस्पताल के अधीक्षक एसके शाही ने बताया है कि पोस्टमार्टम विभाग प्रिंसिपल के अधीन है। इस मामले में मानवता बरती जानी चाहिए। मैं उनसे बात करूंगा और उनसे इसके लिए जांच कमेटी बनाने के लिए कहूंगा।
अब इन सारे बयान से ऐसा मालूम होता है कि अस्पताल में पहुंचे अज्ञात शवों का ठीक तरह अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। परिसर में मिला कंकाल किसी भी ऐसे ही शव को हो सकता है जिसे अस्पताल परिसर में ही कर्मचारियों ने ही गाड़ दिया। अब देखना है कि बिहार सरकार इस संदर्भ में क्या बयान देती है। बिहार में शवों की ऐसी दुर्दशा को देखते हुए तो ऐसा लगता है कि वहां कि स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद खराब चल रही है।