वैसे तो हमारे देश में ही जानवरों को भगवान का प्रतीक माना जाता है। जैसे सांप को भगवान शिव से जोड़ा जाता है तो बंदर को हनुमान जी का, शेर को मां दुर्गा का और ऐसे ही कई जानवर है जिन्हें भवगान का दूत समझा जाता है। लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां पर पानी में रहने वाले खूंखार जानवर मगरमच्छ को पूजा जाता है।
मगरमच्छि को दुनिया के सबसे घातक शिकारियों में से एक माना जाता है। एक बार शिकार इनके चंगुल में फंस जाए तो फिर उसका बचकर निकलना नामुमकिन है। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि मगरमच्छ के करीब नहीं जाना चाहिए । मगर एक देश ऐसा है जहां इस खतरनाक जानवर को पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इन मगरमच्छों में पूर्वजों की आत्माएं बसती हैं।
इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन ये सच है कि अफ्रीकी देश घाना में मगरमच्छ को पवित्र मानकर इसकी पूजा की जाती है। घाना के पागा कस्बे में एक तालाब है, जिसमें 100 से ज्या दा मगरमच्छह मौजूद हैं। इनमें से कई की उम्र तो 80 साल तक है। यहां के लोगों का मानना है कि पूर्वजों की आत्मारएं इन मगरमच्छों में बसती हैं,अगर इन्हें जगाना होता है तो सिर्फ एक जिंदा मुर्गा इनके सामने रखना होता है, यानी पूजा करनी होती है।
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि स्था्नीय लोग इन मगरमच्छों के साथ ही रहते हैं। ये मगरमच्छ इंसानों के साथ परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं। वे खुले वातावरण में घूमते हैं और तालाब में तैरते रहते है, इनके बीच रिश्ता कोई एक या दो साल का नहीं बल्कि तो 600 साल पुराना है। करीब 600 सालों से ये लोग इसी तरह मगरमच्छ के साथ रह रहे हैं।
इस कस्बे में हर परिवार के अपने मगरमच्छ है जो उनके पूर्वज माने जाते हैं। वहां रहने वाले लोगों के मुताबिक, मगरमच्छे से बात करो तो वह ध्याहन से सुनते हैं। कहीं जा रहा हो और आप पुकारें तो वो तुरंत रुक जाएगा, आगे नहीं जाएगा। ऐसे ही अगर चल रहे हों और आप लेट जाने को कहें तो मगरमच्छ उसी जगह लेट जाएगा। वहां के लोगों का मगरमच्छ के साथ दोस्ताना रिश्ता है।
बता दें कि सिर्फ पागा ही नहीं, आपको पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में भी आपको कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा। पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में भी आपको कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा। इसके पीछे की एक कहानी भी काफी मशहूर है। कहा जाता है कि 14वीं सदी से पहले इस गांव में कोई नहीं रहता था, तब पूरे इलाके में सूखा चरम पर था।
मगर एक दिन मगरमच्छोंख का समूह एक महिला को यहां लेकर तालाब के पास पहुंच गया। जबकि उससे पहले ये तालाब छिपा हुआ था। सूखे की स्थिति में भी इस तालाब में खूब सारा पानी था, तब से यहां के लोगों पानी मिलने लगा। इस तालाब की एक खास बात ये भी है कि चाहे कितनी गर्मी हो जाएं मगर ये तालाब कभी नहीं सूखता है इसलिए भी यहां के लोग मगरमच्छ को अपना देवता मानते हैं।