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कोटा की ये अनोखी शादी बनी मिसाल, वकील पिता ने महज 21 हजार में किया बेटी का निकाह

राजस्थान के कोटा में हुई एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. मुस्लिम समाज के एक वकील ने अपनी बेटी की शादी मजह 21 हजार रुपये में की। बेटी के पिता का कहना है कि वह चाहते तो लाखों रुपये खर्च कर सकते थे।

शादी में लोग अनगिनत पैसा खर्च कर देते हैं, अपनी बेटी और बेटे की शादी में लोग पैसे को पानी की तरह बहा देते है। आजकल तो शादी में पैसा की बर्बादी को अपनी शान समझ लेते हैं लेकिन एक ऐसा शख्स की बात करने जा रहे हैं जिसने महज 21 हजार में अपनी बेटी की शादी करके हर किसी के सामने एक मिसाल पेश की है। ये मामला राजस्थान से सामने आया है।
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राजस्थान के कोटा जिले में एक शादी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। मुस्लिम समाज से ताल्लुख रखने वाले वकील नाजिमुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी बेटी की शादी सिर्फ 21 हजार रुपये के खर्च में की। वकील नाजिमुद्दीन का कहना है कि वो चाहते तो अपनी बेटी की शादी में लाखों रुपये खर्च कर सकते थे। मगर उन्होंने सादगी से बेटी का निकाह कराया। नाजिमुद्दीन की बेटी मरियम नाज सिद्दीकी और दामाद जीशान अली दोनो एडवोकेट की पढ़ाई कर रहे हैं।
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दुल्हन के पिता का कहना है कि मैं 42 साल से वकालत करता आ रहा हूं और मैंने एक-दो केस ऐसे देखे हैं जिनमें सिर्फ थोड़ी देर की वाहवाही लूटने के लिए बाप अपनी बेटी की शादी के लिए मोटा कर्जा लेता है। शादी संपन्न होने के बाद उस पिता को कर्ज नहीं उतारने पर कर्ज दाता घर पर आकर बेइज्जत करता है और वो कर्जे के बोझ में दबा चला जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने ये फैसला लिया था।
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इसी के साथ वकील  नाजिमुद्दीन ने बताया कि इस्लाम भी यही कहता है कि बेटी की शादी के लिए कर्ज लेना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने बेटी की शादी के लिए गरीब बच्चों का स्कूल बुक किया। संडे को 3 हजार रुपये में स्कूल बुक हो जाता है। इसके अलावा कुछ खर्च कुर्सियां मंगवाने में हुआ। बारातियों को कोल्ड ड्रिंक और शरबत पिलाने में थोड़ा सा पैसा खर्च हुआ।इसके अलावा उन्होंने एक रुपया भी खर्च नहीं किया।
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लड़के जीशान अली के पिता सरकारी कर्मचारी थे लेकिन कैंसर की वजह से कुछ सालों पहले उनकी मौत हो गई और बेटा बीकॉम करने के बाद वकालत की पढ़ाई कर रहा है। इस शादी से सब लोग काफी खुश हैं। वहीं, लड़की की मां ने बताया कि वो इस शादी से बहुत खुश है और  उनको लोगों के फोन आ रहे हैं जो उन्हीं की तरह अपनी बेटियों की शादी बिना किसी फालतू खर्च के करना चाहते हैं।

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