शास्त्रों में बताया गया है कि बिना ज्योति जलाए पूजा नहीं करनी चाहिए। नवरात्रि में घट स्थापना करने और अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का बहुत महत्व है। यह देवी मां की कृपा पाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। इससे मां दुर्गा भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती है। लेकिन अखंड ज्योति को लेकर जो नियम बताए गए हैं, उनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। वरना इससे उल्टे नतीजे मिलते हैं।
अखंड दीपक संकल्प लेने के बाद ही जलाया जाता है। कुछ लोग नवरात्रि, दिवाली और अन्य त्योहारों पर भी अखंड दीपक जलाते हैं। कई लोग मन्नत के रूप में निश्चित दिनों के लिए दीपक जलाते हैं। ऐसे में जितने समय और दिवस के लिए आपने संकल्प लिया है, उतने दिनों के लिए दीपक को बुझने नहीं देना चाहिए। यदि अखंड ज्योति बुझ जाती है, तो इसे शुभ नहीं माना जाता है।
1. अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का उपयोग करना अच्छा होता है लेकिन ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल उपयोग करें।
2. अखंड ज्योति में रूई की जगह कलावे का उपयोग करें और इसकी लंबाई ज्यादा रखें ताकि वह 9 दिनों तक जलता रहे।
3 . लौ को कभी पीठ न दिखाएं।जब तक घर में अखंड ज्योति जले घर को अकेला न छोड़ें।
4 . अखंड ज्योति को गंदे हाथों से न छुएं।
5 . नवरात्रि समाप्त होने पर भी दीपक को स्वयं ही ठंडा होने दें, उसे बुझाने की गलती न करें।
मान्यता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने रखने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सभी तरह के समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही माता का आशीर्वाद सभी को मिलता है, जिससे आरोग्य की प्राप्ति होती है। माता के आशीर्वाद से जीवन में सदैव प्रकाश बना रहता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।