हर माता-पिता अपने बच्चों की जिंदगी को संवारने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके जीवन में जो कठिनाइयां आईं हैं वह उनके बच्चों के जीवन में ना आएं। अपने बच्चे को जिंदगी की हर खुशी पाते हुए मां-बाप देखना चाहते हैं।
ऐसा ही एक 19 साल का बेटा है जिसने अपने सपनों को पूरा किया और अब वह अपने माता-पिता के सपनों को पूरा रने में लगा हुआ है। लोगों को जब इस बेटे की कहानी पता चली तो उनको इस पर बहुत नाज हुआ।
अखबार बेचते थे पापा...
19 साल का आर्यन जिसे आसमान से मोहब्बत बचपन से ही है। उसे तारों और अंतरिक्ष में बहुत दिलचस्पी थी। आर्यन के पापा चौकीदार थे और वह अखबार भी बेचते थे। इनका घर बहुत छोटा था। आर्यन की मां एक हाउस हैं। आर्थिक स्थिति आर्यन के घर कुछ खास अच्छी नहीं थी। आर्यन के बस्ती में ही एक छोटा सा प्राइवेट स्कूल था जिसमें वह पढ़ता था। आर्यन में बचपन से ही सपनों को पूरा करने का एक जुनून था।
मोहब्ब्त हुई जब अंतरिक्ष से
एक अखबार से बात करते हुए आर्यन ने बताया कि सबसे खूबसूरत बात उन्हें वहां की लगती थी कि किसी भी स्ट्रीट लैंप या ऊंची इमारतों ने आकाश में चमकते सितारे देखने से मुझे रात में नहीं रोका। अंतरिक्ष को जानने की उत्सुकता आर्यन को 10 साल की उम्र में हुई थी।
उसके बाद अपने स्कूल की एस्ट्रोनॉमी वर्कशॉप में आर्यन ने एक साल बाद दाखिला ले लिया था। आर्यन आगे बताते हैं कि शनि ग्रह के खूबसूरत रिंग्स को जब मैंने उस दिन टेलीस्कोप से देखा तो उस दौरान मुझे पता चला कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूं।
4 दिन तक बात नहीं की मां-बाप ने
एन्ट्रोनॉमर बनने की बात जब आर्यन ने अपने माता-पिता को बताई तो उन्हें यह कैरियर के तौर पर सही नहीं लगा। लेकिन आर्यन के अंदर यह सपना बनता गया। आर्यन ने 5000 रूपए तक का एक टेलीस्कोप लेने के लिए पैसे बचाने शुरु कर दिए।
टेलीस्कोप लेने के लिए खाना आर्यन ने छोड दिया वह स्कूल भी पैदल जाने लग गया। हालांकि टेलीस्कोप जब आर्यन ने खरीदा तो उसके माता-पिता को लगा कि यह बिल्कुल ही बेकार है इसका कुछ काम नहीं है। इसी वजह से उन्होंने 4 दिन तक आर्यन ने बिलकुल बात नहीं की।
एक Asteroid जब ढूंढ लिया
टेलीस्कोप लेने के बाद से आसमान को ही आर्यन देखता रहता था। इतना ही नहीं एक Asteroid आर्यन ने 14 साल की उम्र मंे ढूंढ लिया था। आर्यन की खोज की खबरें कुछ दिन बाद अखबारों में छप गई थी। आर्यन की यह खबर देकर उसके पिता दंग रह गए।
दरअसल आर्यन पहला लड़का था बस्ती का जिसका अखबार में नाम आया था। फिर क्या था लेक्चर के लिए कई विश्वविद्यालयओं से आर्यन को निमत्रंण आने शुरु हो गए। आर्यन ने 30 हजार रुपए पहले महीने में कमाए। आर्यन पैसे कामने के साथ अपनी पढ़ाई भी करता था।
मां-बाप को विमान में बैठाया पहली बार
आर्यन की उम्र अब 19 साल की हो गई है। आर्थिक रूप से भी वह अब मजबूत हो गया है। आर्यन हाल ही में बनारस से वापस आ रहा था। तो अपने माता-पिता को वह ट्रेन की बजाए विमान से लेकर आया। पहली बार आर्यन के माता-पिता प्लेन में बैठे थे। साथ ही एक महंगे रेस्ट्रोरेंट में अपने माता-पिता को आर्यन लेकर गया और उन्हें खाना अपने पैसों से खिलाया।
यह सपना करेगा अब पूरा
आर्यन ने आगे कहा कि आने वाला जनवरी का महिना उनके लिए बहुत ही स्पेशल है। दरअसल वह उस होटल में अपने माता-पिता को ठहराएगा जिसमें उसके पिता चौकीदार की नौकरी करते थे। यह लम्हें बहुत ही छोटे लगते हैं लेकिन इनकी खुशी बहुत ही बड़ी है।