कार्तिक पूर्णिमा का अहम महत्व हिंदू धर्म में होता है। गंगा में इस दिन स्नान किया जाता है और गरीबों को दान देते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से पुण्य मिलता है। देश की अलग-अलग नदियों में लोग कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन अपने पाप स्नान करके धोते हैं। साथ ही गरीबों और ब्राह्मणों को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा देते हैं।
शास्त्रों में बहुत कठिन नियम कार्तिक पूर्णिमा के लिए बताए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि विशेष फल इन नियमों के पालन करने से मिलता है। बता दें कि त्रिपुरी पूर्णिमा भी कार्तिक पूर्णिमा को कहते हैं। हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि त्रिपासुर नाम के राक्षस का वध भगवना शिव ने इस दिन किया था।
शास्त्रों में कहा जाता है कि कृतिका नक्षत्र में भगवान शंकर की कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा और दर्शन विधि विधान से किए जाएं तो सात जन्मों तक विद्वान, ज्ञानी और धनवान व्यक्ति बनता है। जब चंद्रमा इस कार्तिक पूर्णिमा के दिन उदित होता है तो शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं की पूजा करने से भगवान शंकर को प्रसन्न किया जाता है। इसी वजह से भगवान शिव की पूजा कार्तिक पूर्णिमा के कृतिका नक्षत्र में करते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि क्या करें और क्या न करें कार्तिक पूर्णिमा के दिन।
ये काम जरूर करें कार्तिक पूर्णिमा के दिन
गंगा स्नान कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करना चाहिए। अगर आप गंगा स्नान नहीं कर सकते तो गंगाजल आप घर पर ही अपने नहाने के पानी में मिला लें।
गाय को दान इस दिन जरूर करें। साथ ही दान में दूध, केला, खजूर, अमरूद, चावल, तिल और आंवले जरूर दें।
अपनी बहन, बुआ और कुछ ब्राह्मणों केे कार्तिक पूर्णिमा के खास दिन पर वस्त्र और दक्षिणा अपनी श्रद्धा अनुसार दान में दें।
गंगाजल में कच्चा दूध मिलाकर कार्तिक पूर्णिमा की शाम को चांद को अर्घ्य दें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन जल में दूध और शहद मिलाकर पीपल के पेड़ को स्नान करने के बाद अर्घ्य दें साथ ही घी का एक दिया भी जलाएं। ऐसा कहा जाता है कि माता लक्ष्मी का वास पीपल के पेड़ पर होता है। इतना ही नहीं इस दिन पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने से पुण्य मिलता है।
भगवान विष्णु की पूजा और सत्यनारायण भगवान की कथा कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें और सुनें।
आम का तोरण अपने घर के मुख्य दरवाजे पर इस दिन बाधें और भगवान का स्वागत इस दिन रंगोली बनाकर करें।
अगर आपके घर पर कोई भी भिखारी कार्तिक पूर्णिमा पर दान लेने के लिए आता है तो उसे खाली हाथ ना भेजें।
पवित्र नदि और तालाब में कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जलाएं और दीपदान भी जरूर करें। पुण्य की प्राप्ति होती है ऐसा करने से।
तुलसी पूजा का भी अहम महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। तुलसी की पूजा इस दिन पूरे विधि विधान से करें और घी का दीपक भी जलाएं।
ये काम ना करें कार्तिक पूर्णिमा के दिन
तामसिक भोजन का सेवन कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं करना चाहिए।
संभोग भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना करें। चंद्रमा का दुष्प्रभाव ऐसा करने से झेलना पड़ सकता है।
शराब और धूम्रपान का सेवन भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं करना चाहिए। साथ ही झगड़ा भी इस दिन किसी से नहीं करना चाहिए।
किसी भी जानवर की हत्या कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं करनी चाहिए और उसे मारना भी नहीं चाहिए। गरीब और लाचार लोगों का अपमान कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं करें।
बुजुर्ग लोगों को दुख कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं दें। अगर आप ऐसा करते हैं तो देवता की कृपा आप पर नहीं होगी।
तुलसी के पत्ते भी कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं तोड़ने होते साथ ही तुलसी को जड़ से भी इस दिन नहीं उखाड़ना चाहिए।
उड़द, मसूर, करेला, बैंगन और हरी सब्जियों का सेवन इस दिन ना करें।