कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को है। इस खास दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है। यह विष्णु भगवान का ही एक नाम है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस खास दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था।
इसी की खुशी में देवताओं ने हजारों दीप जलाकर धूमधाम से दिवाली मनाई थी। जिसे आज तक भी देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिखों के लिए सबसे ज्यादा खास होता है क्योंकि इसी दिन गुरू नानक जयंती भी होती है।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि- 12 नवंबर 2019
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 नवंबर 2019 को शाम 6 बजकर 2 मिनट से आरंभ
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 12 नवंबर 2019 को शाम 7 बजकर 4 मिनट तक
कार्तिक पूर्णिमा की पूजा-विधि
1.कार्तिक पूर्णिमा के खास दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आप पवित्र नदी में जाकर स्नान नहीं कर पाएं तो घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
2.रात को पूरी विधि अनुसार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
3.इस खास दिन पर सत्यनारायण की कथा जरूर सुनें और सुनाएं।
4.रात के समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के आगे धूप दीपक जला कर भगवान की आरती करें और चंद्रमा को अघ्र्य दें। साथ की घर के अंदर और बाहर दीपक भी जलाएं।
5.इस दिन किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को भोज कराएं और दान भी करें।
6.कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी तुलसी के पौधे के पास दीपक अवश्य जलाएं।
दीप दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का खास महत्व है। इसके साथ ही दान करने का विशेष महत्व भी होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करके ग्रहों की हो रही परेशानियों से निजात पाया जा सकता है।