4 नवंबर बुधवार को करवा चौथ का व्रत है। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत अहम होता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत हर साल इस दिन मनाते हैं।
हर सुहागिन महिला पूरी श्रद्धा से करवा चौथ का पावन व्रत रखती है और उसकी यही प्रर्थाना होती है कि उसका वैवाहिक जीवन और घर-परिवार में सुख-शांति हमेशा बनी रहे। लेकिन कुछ वास्तु से जुड़े बातें और दिशाओं की स्थिति होती है जिनका पूजा में विशेष रूप से ध्यान रखना होता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके सरगी अर्थात व्रत के समय का खाना खाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा आपको मिलेगी साथ ही आपके लिए व्रत में भी यह मददगार होगा।
दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर करवा चौथ के दिन दोपहर के समय बिताना शुभ माना गया है। दरअसल अग्नि का तत्व इस दिशा में इस समय होता है। इसलिए परिवार और दोस्तों के साथ यह समय आप बिताएं।
दक्षिण पश्चिम दिशा में अपने पति के साथ कथा के बाद ज्यादा समय बिताना चाहिए। ऐसा करने से पति के साथ आपके संबंध अच्छे होते हैं और प्यार बना रहता है।
चंद्रमा को जल उत्तर-पश्चिम दिशा में करवा चौथ की व्रत के समय चढ़ाना चाहिए।
सुहागिन महिलाएं अपना मुंह उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ करवा चौथ की पूजा के समय करके बैठें। इससे करने से पूजा और व्रत दोनों का शुभ फल प्राप्त होता है।
घर में बने मंदिर या हॉल का ही करवा चौथ की पूजा के लिए इस्तेमाल करें।