वास्तु शास्त्र का हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व है। ईश्वर की पूजा-प्रार्थना यहां तक की कुछ रीति रिवाज़ों को माना बहुत अहम माना जाता है।पूजा-पाठ करने में मन शांत और प्रसन्न रहता है।साथ ही ईश्वर की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चीज़ों को करने से या कुछ चीज़ों को इस्तेमाल में लाने से किस्मत बदल भी सकती है और रूठ भी सकती है। पूजा-पाठ के दौरान कई बार अनजाने में की गई गलतियां बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताया गया है, जिनको करने से बचना चाहिए। आइये जानते हैं कौन सी हैं वो गलतियां।
दीपक– दीपक को जमीन पर नहीं रखान चाहिए।धार्मिक मान्यता है कि दीपक को कभी भी धरती का स्पर्श नहीं करवाना चाहिए अगर पूजा-पाठ के दौरान दीपक को नीचे रखने की स्थिति बने तो उसे अक्षत या किसी लकड़ी के पटरे पर रखें।
भगवान की मूर्ति– भगवान की मूर्ति या तस्वीर को कभी भी खाली जमीन पर नहीं रखनी चाहिए। भगवान की मूर्ति या तस्वीर को लकड़ी के पटरे या अक्षत पर स्थापित करना चाहिए। मंदिर की साफ-सफाई करते समय भी मूर्तियों-तस्वीरों को चौकी पर, कपड़े या थाली में रखें। मूर्तियां नीचे रखने से देवी-देवताओं का अपमान माना जाता है। इसलिए हमेशा मूर्तियों को थाली पर रखें या कपड़े के ऊपर रखें।
सुपारी– सुपारी की पूजा हमेशा सोने के सिक्के के ऊपर रखकर ही करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से दोष लगता है और पूजा का फल नहीं मिलता है।
शंख– हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्व है। दिवाली हो या दुर्गा पूजा हर पूजे में शंख का होना बहुत फलदाई होता है।आरती के दौरान शंख बजाना शुभ होता है। इससे देवी देवता खुश होते हैं। मान्यता है कि घर में शंख की पूजा करने या शंख बजाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और हमेशा घर में वास करती हैं। लेकिन कभी भी शंख को जमीन पर न रखें।शंख को ज़मीन पर रखने से मां लक्ष्मी नाराज़ होती हैं और नेगेटिविटी जिंदगी में आती है।
सोने के गहने– सोने के गहने मां लक्ष्मी का रूप माने जाते हैं। कहा जाता है कि सोने के गहनों को कभी पैरों मैं नहीं पहनना चाहिए। इसे मां लक्ष्मी नाराज़ होती है। सोने के गहनों को ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। याद रखें कि सोने के गहनों को हमेशा किसी कपड़े में लपेट कर रखें। या मखमल में लपेट कर रखें।