विश्व भर इस समय कोरोना वायरस जैसे खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं तो इस मुसीबत की खड़ी में अपना गैरकानूनी धंधा बनाने में लगे हुए हैं। कोरोना का इलाज और वैक्सीन खोजने में एक तरफ पूरी दुनिया के वैज्ञानिक-डॉक्टर लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग फर्जी दावा उपचार ढूढंने का कर रहे हैं और लोगों को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी बीच केरल से एक मामला सामने आया है जिसमें एक ब्रिटिश व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लेकर केस उसके खिलाफ दर्ज कर दिया है। दरअसल केरल में यह व्यक्ति कोरोना वायरस का एंटी जूस बेच रहा था। केरल के तिरुवनंतपुरम शहर से 45 किलोमीटर दूरी पर वर्कला का यह मामला है।
वर्कला में एक कैफे यह ब्रिटिश नागिरक पर्यटक स्थल पर चला रहा था और वहीं पर एंटी कोरोना जूस का बोर्ड भी लगाया हुआ था। इसके बाद क्या था जिस बोर्ड के जरिए वह पैसे कमाना चाहता था उस बोर्ड ने उसे मुसीबत में डाल दिया। पुलिस को इस बात की सूचना वहां के स्थानीय लोगों ने दी जिसके बाद वहां पर पुलिस आई और उन्होंने 69 वर्षीय ब्रिटिश दुकानदार को एंटी कोरोना जूस का बोर्ड लगाने की वजह पूछी और चेतावनी दी कि वह इस बोर्ड को तुरंत वहां से हाट दें।
पुलिस को उस दुकानदार ने कहा कि अदरक, नींबू और आंवले से यह जूस बना हुआ है जिसे वह बेच रहा था। उसने बताया कि जूस का नाम उसने एंटी कोरोना वायरस जूस रख दिया। उसने आगे कहा कि ऐसा कोरोना वायरस को लेकर उसने बिल्कुल भी नहीं किया।
बता दें कि उस जूस का गिलास 150 रूपए में ब्रिटिश दुकानदार बेच रहा था। कोरोना वायरस ने जब से भारत देश में अपने पैर पसारे हैं तब से लेकर कई नकली सैनिटाइजर के पूरे देश में बहुत से मामले सामने आ गए हैं। हालांकि लगातार कोरोना के मामले भारत में बढ़ रहे हैं। अब भारत में 155 संक्रमित मरीजों की संख्या हो चुकी है। वहीं 25 विदेशी लोग इसमें से हैं। देश में अब तक तीन लोगों की मौत कोरोना से हो गई है।
सबसे ज्यादा 42 कोरोना के मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं। बता दें कि कोरोना वायरस का पहला संक्रमित मरीज कोलकाता से मिला है। लंदन से भारत यह शख्स आया था। बता दें कि सरकारें तीन स्तर पर कोरोना से निपटने का काम कर रही हैं। पहले स्तर पर वह कोरोना से पीड़ित लोगों की पहचान कर रही है फिर दूसरे स्तर पर जो व्यक्ति संक्रमित पाए जा रहे हैं उन्हें आईसोलेशन वार्ड में रख रही है साथ ही वह किन लोगों के साथ संपर्क में रहे हैं उन्हें भी वहां पर रख रहे हैं। आखिरी तीसरे स्तर पर एक जगह पर लोगों को इकट्ठा होने सरकारें नहीं दे रही है।