आज के समय में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन इसी केरल से एक खबर सामने आई है जहां पर एक मुस्लिम दंपत्ति ने अनोखी मिसाल हिंदू-मुस्लिम एकता पर पेश की है। यह मुस्लिम दंपत्ति केरल के कासरगोड के रहने वाले हैं। इन्होंने अपनी गोद ली हुई हिंदू बेटी की शादी मंदिर में पूूरे रिति-रिवाज से कराकर एक अच्छी मिसाल दी है।
इस शादी का कार्यक्रम कासरगोड के भगवती मंदिर में बीते रविवार को आयोजित किया गया था। मुस्लिम परिवार ने राजेश्वरी नाम की हिंदू बेटी को गोद लिया था जिसकी शादी उन्होंने इसी मंदिर में बीते रविवार को कराई। राजेश्वरी की शादी विष्णु प्रसाद नाम के शख्स के साथ हुई। बता दें कि इस शादी में परिवार और दोस्तों के साथ मंदिर में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाए के लोग शामिल हुए थे।
खबरों के अनुसार, राजेश्वरी के पिता की मृत्यु के बाद अब्दुल्ला और खदीजा ने उसे गाेद लिया था। अबदुल्ला की ही फार्म में राजेश्वरी के पिता काम करते थे। राजेश्वरी जब बच्ची थी तभी उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। अब्दुला और खदीजा के बच्चों शमीम, नजीब और शरीफ के साथ ही राजेश्वरी गोद लेने के बाद बड़ी हुईं।
मिसाल पेश की हिंदू-मुस्लिम एकता की
Kerala: A Muslim couple organised their foster daughter Rajeshwari’s marriage as per Hindu rituals in a temple in Kasaragod, yesterday. The couple raised Rajeshwari after her father, who was working on the couple’s farmland died when she was a child. pic.twitter.com/moIn2Wz2dc
— ANI (@ANI) February 17, 2020
केरल के कयमकुलम की एक मस्जिद में इससे पहले इसी साल के जनवरी महीने में हिंदू विवाह एक मस्जिद में कराया गया था। बिंदू नाम की महिला चेरूवली मुस्लिम जमात मस्जिद के पास रहती हैं उन्होंने मस्जिद कमिटी से अपनी 22 साल की बेटी की शादी के लिए मदद मांगी थी।
बता दें कि अंजू की शादी के लिए परिवार की मदद मस्जिद कमिटी ने की साथ ही 2 लाख रूपए और 10 सोने के सिक्के तोहफे में दिए। इतना ही नहीं मस्जिद में शादी समारोह में लगभग 1 हजार लोग शरीक हुए थे उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।