हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहारों में से एक है मकर संक्रांति का पर्व। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर लेंगे। बता दें कि सूर्य के एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने को ही संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति के खास दिन पर गंगा स्नान,व्रत,कथा,दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्व है।
किस दिन है मकर संक्रांति
ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार इस बार भगवान सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की रात 2 बजकर 7 मिनट पर प्रवेश करेगा। इस वजह से मकर संक्रांति 15 जनवरी के दिन ही मनाई जाएगी। मकर संक्रांति से अग्नि तत्व आंरभ होता है और कर्क संक्रांति से जल तत्व की इस वक्त सूर्य उत्तरायण होता है। मकर संक्रांति के दिन किया गया जप और दान का अत्यंत महत्व होता है।
मकर संक्रांति का त्योहार देशभर में अलग-अलग तरीके और नाम से मनाया जाता है ठीक वैसे ही इस पर्व की खान-पान की विविधता भी रहती है। इस खास दिन तिल का भी हर जगह किसी ना किसी रूप में उपयोग किया जाता है। वैसे तिल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।
इस तरह से मनाएं मकर संक्रांति
सुबह-सुबह उठकर स्नान करें और भगवान सूर्य को अघ्र्य दें। इसके बाद श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ या गीता का पाठ जरूर करें। कम्बल,घी और अन्न का दान करें। इस दिन नए अन्न की खिचड़ी जरूर बनाएं और भगवान को भोग लगाएं।
ऐसे करें तिल का उपयोग
मकर संक्रांति खास मौके पर सूर्य देव को तिल के दाने डालकर जल अर्पित करें। लोहे के पात्र में तिल भरकर अपने सामने रख लें और ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। इसके बाद किसी गरीब या जरूरत मंद व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करें। ऐसा करने से आपको शनि से जुड़ी हर मुसीबत से निजात मिल सकेगा।