चाहे लड़का हो फिर लड़की हर किसी के मन में शादी का ख्याल आता है। दोनों के मन में इसको लेकर उथल-पुथल बनी रहती है। सबके मन में अपनी शादी को लेकर एक ही चाहत होती है की उनका जीवनसाथी वैसा हो जैसा उन्होंने सोच रखा है। जीवनसाथी को लेकर लड़के के मन में होता है की लड़की उसकी हर जिम्मेदारी में उसका साथ दे जबकि लड़की यही चाहती है की उसे उसका जीवनसाथी वैसे ही प्यार करे जैसे वह चाहती है।
लेकिन अक्सर देखा गया है की रिश्तों में आपसी समझ में कमी होने की वजह से कड़वाहट रहती है। कपल कउंसलिंग की जरूरत इसी समस्या से निपटने के लिए जरूरत महसूस करते हैं। चलिए आपको कपल काउंसलिंग और इसके फायदों के बारे में बताते हैं-
समझदारी भरे कदम
दिन प्रति दिन तलाक़ के मामले सामने आ रहे हैं। रिश्ते में ठहराव के लिए इसलिए समझदारी भरे कदम लेना जरूरी हो गया है। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि इसका सर रिश्ते की उम्र पर न पड़े। अब पति-पत्नी काउंसिलिंग का रूख अनबन शुरू होने पर कर रहे हैं। लेकिन काउंसिलिंग अगर लोग शादी से पहले से कर लें तो यह रिश्ते के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
जरूरी है तालमेल भी
अक्सर देखा गया है कि पति और पत्नी के बीच में शादी के बाद सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि वह एक-दूसरे के नजरिये को सही होने के बाद भी समझ नहीं पाते हैं। रिश्तों में खींचातानी शुरू तालमेल नहीं बैठने के कारण हो जाती है और इसकी वजह से दिन पर दिन परेशानियां बढ़ती रहती हैं।
रूबरू सच्चाइयों से
अक्सर देखा गया है लोग महत्वकांक्षी रिश्तों में हो जाते हैं और सिर्फ उसके बारे में ही सोचते रहते हैं। रिश्तों में परेशानी इस वजह से होना शुरू हो जाती है। अपने जीवन से जुड़े सच्चाइयों से अगर आप रूबरू होना चाहते हैं तो काउंसिलिंग की जरूरत आपको हो जाती है।
बात रखना आसानी से
अगर काउंसिलिंग शादी से पहले कर ली जाए तो आसानी से एक-दूसरे को पति-पत्नी समझ जाते हैं। ऐसे में एक-दूसरे के सामने आसानी से पार्टनर रख पाते हैं। कभी भी दूरियां दोनों के बीच नहीं आएंगी अगर दोनों में बातें अच्छी होगी।
जरूरी है कम्युनिकेशन
कोर्ट ने तलाक से जुड़े कई मामलों में काउंसिलिंग की सलाह पति-पत्नी को देते आ रहे हैं। इस तरह की स्थितियां शादी के बाद न बनें काउंसिलिंग इसके लिए शादी से पहले ही कर लें। अक्सर देखा गया है कि बेहतर कम्यूनिकेशन कपल के बीच में नहीं हो पाता है जिसकी वजह से गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं।