आज के जमाने में एक नया ट्रेंड चला हुआ है शादी की सलगिरह हो या जन्मदिन लोग रात को 12 बजे ही मनाना पसंद करते हैं। पहले 12 बजने तक का इंतजार करते हैं उसके बाद बधाई देकर केक काटते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है ऐसा करना भारतीय शास्त्र में बहुत अशुभ होता है।
ऐसा कहा जाता है रात 12 बजे ऐसा करना बहुत बड़ा अनिष्ट हो सकता है। क्योंकि रात के समय किसी भी चीज का जश्न मनाना आपके जीवन में खुशियों की बजाए परेशानियां ला सकता है। तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर 12 बजे बधाई देना या कुछ सेलिब्रेट करना क्यों शुभ नहीं माना जाता है।
1.यह समय नहीं माना जाता शुभ
रात 12 बजे केक काटने को लेकर हर किसी में जबरदस्त वाला उत्साह रहता है। बहुत सारे ऐसे लोग है जो अपना बर्थडे 12 बजे यानी निशीथ काल में मना लेते हैं। निशीथ काल रात का वो वक्त होता है जो समान्यत: रात 12 बजे से रात्रि 3 बजे की बीच होता है। आम लोग इसे अर्धरात्रि काल कहते हैं और यही वह समय होता है जो शुभ कार्यों के लिए बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है।
2.होती हैं बुरी शक्तियां सक्रिय
शास्त्रों के मुताबिक अद्र्घरात्रि के समय धरती पर बुरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। इस वक्त में यह शक्ति ज्यादा तेज प्रबल हो जाती है। हम और आप जहां भी रहते हैं उस जगह कई सारी ऐसी शक्तियां होती है जोकि हमें नजर नहीं आती हैं,मगर बहुधा हम पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है जिस वजह से हमें जीवन में कई सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ जाता है।
3.यह नुकसान होगा इस समय केक काटने पर
जन्मदिन की पार्टी में अक्सर लोग रात को 12 बजे जिसे प्रेतकाल भी कहते है इस समय केट काटकर खा लेते हैं। जबकि ऐसा करने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति की आयु और भाग्य में कमी करती है साथ ही दुर्भाग्य उसके द्वार पर दस्तक दे देता है। बता दें कि ये नकारात्मक शक्तियां इंसान को गंभीर रूप से बीमार भी कर देती हैं।
4.इस खास मौकों पर होता है निशीथ काल शुभ
शास्त्रों के मुताबिक कुछ एक त्योहार जैसे दीवाली,नवरात्रि,जन्माष्टïमी और शिवरात्रि पर निशीथ काल महानिशीथ काल बनकर शुभ प्रभाव देता है जबकि बाकी समय पर यह दूषित प्रभाव देता है। वैसे रात के समय केक काटने या कोई भी चीज सेलिब्रट करने से ये दूषित प्रभाव आपके ऊपर सबसे ज्यादा बुरा असर डालता है।
5.सबसे ज्यादा शुभ होता है सूर्योदय का समय
हर किसी के दिन की शुरूआत सूर्योदय के साथ होती है यही समय ऋषि-मुनियों के तप का होता है। इस काल में वातावरण सबसे ज्यादा शुद्घ होता है। इसलिए शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्योदय होने के पश्चात ही व्यक्ति को जन्मदिन की शुभकामनाएं देनी चाहिए।
ऐसा इस वजह से कहा जाता है रात के समय वातावरण में रज और तम कणों की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसी वजह से उस वक्त दी गई कोई भी बधाई फलदायी होने के बदले प्रतिकूल बन जाती है।